योग में निरोग रहने की संजीवनी, छात्रों ने मिलकर किया योग अभ्यास
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग में निरोग रहने की संजीवनी, छात्रों ने मिलकर किया योग अभ्यास
डिजिटल डेस्क, सतना। कोरोना काल के बाद यह पहला मौका रहा जब बड़ी संख्या में मिलकर लोगों ने योगभ्यास किया और योग से निरोग रहने के टिप्स दिए गए। इसके साथ सिटी में पार्कों सहित, घरों में योग का अभ्यास किया गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम शासकीय व्यंक्ट क्रमांक 1 में आयोजित हुआ।
जिसमें विभिन्न स्कूलों के लगभग 100 छात्रों ने मंच में उपस्थित योग गुरुओं के साथ विभिन्न प्रकार के योग एवं योग से निरोग रहने की कला सीखी। इस मौके में जिला प्रशासन से कलेक्टर अनुराग वर्मा, जिला पंचायत सीईओ तरीक्षित, जिला शिक्षा अधिकारी निरव दीक्षित, नगर निगम आयुक्त राजेश शाही, मीना त्रिपाठी ने भी स्टूडेंट्स के साथ मिलकर योग का क्रमानुसार अभ्यास कर हमेशा स्वस्थ्य रहने का संकल्प लिया साथ ही योग को अपने लाइफस्टाइल में शामिल करने की बात रखी।
योग में बीमारियों से लड़ने की शक्ति
मंच के माध्यम से शामिल योग गुरूओं में सुमन सिंह, डां भारती, इंद्र सेन सिंह, विनोद यादव ने छात्रों और आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि योग एक ऐसी क्रिया है जिससे हम स्वस्थ्य रह सकते है बल्कि गंभीर बीमारियोंं से लड़ भी सकते हैं बस इसका नियमित अभ्यास करना जरूरी है। ऐसे ही नियमों और योग की क्रियाओं से रूबरू होते हुए योगाभ्यास किए गए जिसमें हर किसी के मन में खुद को योग के माध्यम से हेल्दी रहने का उत्साह देखा गया।
कुंभक और मंडूक आसन
इस शिविर में जहां योग के विभिन्न क्रिया का अभ्यास कराया गया वहीं बच्चों और बड़ों को उनमे होने वाले फायदों को भी गिनाया गया। बड़ों को जहां योग की विभिन्न मुद्राओं से होने वाली शरीर में होने वाली तकलीफों को दूर करने की जानकारी दी वहीं सांस कैसी लेनी चाहिए उसके लाभ भी बताए। यहां बताया गया कि श्वसन क्रिया जितनी मंद और सूक्ष्म होगी उतना ही मंद जीवन क्रिया के क्षय होने का क्रम होगा। यही कारण है कि श्वास-प्रश्वास का नियंत्रण करने तथा पर्याप्त समय तक उसको रोक रखने कुंभक से आयु के भी बढऩे की संभावना बढ़ जाती है। इसी कारण योग में कुंभक या प्राणायाम का सर्वाधिक महत्व माना गया है।