भारत का प्राण तत्व है गुरु शिष्य परंपरा : डॉ. उमाशंकर पचौरी
भोपाल भारत का प्राण तत्व है गुरु शिष्य परंपरा : डॉ. उमाशंकर पचौरी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में व्यास पूजा के प्रसंग पर ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। शिक्षाविद एवं मंडल के अखिल भारतीय महामंत्री डा. उमाशंकर पचौरी ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा भारत का प्राण तत्व है। दुनिया में भारत को गुरु–शिष्य परंपरा के लिए जानते हैं। वहीं, कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आदर्श शिक्षक अपने विद्यार्थी को सिर्फ परीक्षा में सफलता पाने के लिए नहीं अपितु जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने के लिए तैयार करता है।
मुख्य अतिथि डा. पचौरी ने कहा कि जब शिक्षक गुरुत्व का स्मरण करता है तो उसे शिक्षक का सामर्थ्य ध्यान आता है और शिक्षक का सामर्थ्य क्या है, इसे हम आचार्य चाणक्य, गुरु रामदास और रामकृष्ण परमहंस से लेकर विरजानंद तक के उदाहरणों से समझ सकते हैं।