शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी को दी अंतिम विदाई, दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने किया नमन
नम आंखों से अंतिम विदाई शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी को दी अंतिम विदाई, दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने किया नमन
डिजिटल डेस्क,भोपाल। ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को आज समाधि दी गई। साधु-संतो ने वैदिक मंत्रोच्चार,रीति रिवाज और धार्मिक कर्म कांड के अनुसार समाधि विधि संपन्न कराई। परमहंसी गंगा आश्रम परिसर में पंडाल से करीब 400 मीटर दूर उन्हें समाधि दी गई।
समाधि देने से पहले उन्हें भजन कीर्तन के साथ पालकी में बैठाकर समाधि स्थल तक ले जाया गया। इस दौरान उनके शिष्य, अनुयायी और श्रद्धालु मौजूद रहे। अपने गुरू को सभी ने नम आखों से अंतिम विदाई दी। स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का रविवार को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
उनके अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में आये लोगों की देखते हुए परमहंसी गंगा आश्रम से 2 किलोमीटर दूर ही झोतेश्वर गांव के प्रवेश द्वार में ही प्रशासन ने ट्राफिक को रोक दिया था। शंकराचार्य स्वारूपानंद सरस्वती जी के दर्शन करने के लिए प्रदेश भर से भक्त आश्रम पर पंहुचे।
स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म सिवनी जिले के दिघोरी ग्राम में 2 सितंबर 1924 को हुआ था। 9 साल की उम्र में ही उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्राएं शुरू की। यात्रा के दौरान ही वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज से वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा थी।