कन्हैयालाल के हत्यारों को एनआईए कोर्ट में किया गया पेश, आक्रोशित लोगों ने जमकर की पिटाई, वीडियो आया सामने
उदयपुर हत्याकांड कन्हैयालाल के हत्यारों को एनआईए कोर्ट में किया गया पेश, आक्रोशित लोगों ने जमकर की पिटाई, वीडियो आया सामने
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान के उदयपुर में हुई निर्मम हत्या के मामले में चार आरोपियों को शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एनआईए कोर्ट के सामने पेश किया गया। जयपुर की एनआईए कोर्ट में पेशी के दौरान कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों पर हमला किया गया है। अरोपियों को भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बावजूद लोगों के आक्रोश का सामना आरोपियों को करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक आरोपियों के कोर्ट में जाने के 5 घंटे बाद तक दरवाजा बंद कर दिया गया था। लेकिन जब आरोपी कोर्ट से बाहर निकले तो लोगों ने उनकी जूते चप्पल और डंडों से पिटाई कर दी।
बता दें कोर्ट ने चारों आरोपियों को 12 जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि कोर्ट में आरोपियों की पेशी के पहले वहां पर मौजूद वकीलों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की थी। शुक्रवार को आरोपियों को उदय पुर की एक कोर्ट ने एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजा था।
आरोपियों की पिटाई का वीडियो आया सामने
कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों की पिटाई का वीडियो सामने आ चुका है। वीडियों में साफ तौर से दिखाई दे रहा है कि आरोपियों को जब पुलिस की गाड़ियों में चढ़ाया जा रहा था उसी वक्त लोग उनको पीटते दिखाई दे रहे हैं। लोगों ने एक आरोपी की गर्दन पकड़कर उसे भी पीछे से थप्पड़ मारा है। हालांकि आक्रोशित लोगों की भीड़ के बीच में ही पुलिस उन्हें एक-एक कर गाड़ी पर चढ़ाती रही।
#Udaipur
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 2, 2022
Islamic Terrorists being taken away by police from NIA Court. Just see the anger of public.
Yesterday Justice Kant had an opportunity to douse this anger, instead with lose mouth added fuel to fire. If something happens who will be responsible. pic.twitter.com/x5LJenABfL
बता दें नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर 28 जून को उदयपुर के कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद से ही राज्य के कई स्थानों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। राजस्थान सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था लेकिन बाद में कोर्ट ने इसकी जांच एनआईए को सौंप दी थी।