सौर दीप के उजियारे से जगमगायीं आदिवासियों की झोपड़ियां
आदिवासियों के आशियाने प्रकाशमान सौर दीप के उजियारे से जगमगायीं आदिवासियों की झोपड़ियां
डिजिटल डेस्क, अहेरी.(गड़चिरोली)। नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले के 200 से अधिक गांव आज भी बिजली सुविधा से वंचित है। देश तो आजाद हो गया है, लेकिन आज भी दुर्गम क्षेत्र के गांवों के आदिवासी अंधेरे में जीवन बिताने पर मजबूर हैं। ऐसे ही गांवों के लोगों के जीवन को प्रकाशमय बनाने का बीड़ा कोल्हापुर की सावली फाउंडेशन ने उठाया है। सोमवार को फाउंडेशन के सदस्यों ने तहसील के कुरता, चिंत्तारेव और नैनगुड़ामहे गांवों में पहुंचकर यहां निवासरत आदिवासियों को साैर दीप का वितरण किया। सदियों से अंधेरे में अपना जीवनयापन कर रहे आदिवासियों के हाथों में जैसे ही यह दीप थमाए गये उनके चेहरों पर अनोखी मुस्कान आ गई। स्कूली विद्यार्थी आज तक अंधेरे में ही पढ़ाई करते थे, लेकिन अब ये विद्यार्थी भी उजियाले में पढ़ सकेंगे। फाउंंडेशन की इस पहल ने आदिवासियों के जीवन में नया सवेरा लाने का कार्य किया है। कुरता, चिंत्तारेव और नैनगुंडामहे आदि तीनों गांव नदियों से घिरे हैं। तहसील मुख्यालय से यह क्षेत्र करीब 70 किमी दूरी पर बसा हुआ है।
यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़कों का निर्माणकार्य अब तक नहीं किया गया है।
सरकार की सारी सुविधाओं से वंचित तीनों गांवों के नागरिक सदियों से अंधेरे में ही अपना जीवनयापन कर रहे हैं। बिजली की सुविधा क्या होती है, इसकी जानकारी किसी व्यक्ति के पास नहीं है। गांव के बच्चे अन्य गांवों में पहुंचकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। उक्त तीनों गांवों में किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। पड़ोंसी गांवों तक पहुंचने के लिए भी लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। पूरी तरह टापू का रूप धारण कर चुके इन तीनों गांवों में पहुंचना काफी मुश्किल है। बिजली वितरण कंपनी ने जिले के सभी गांवों में बिजली सुविधा उपलब्ध करवाने का दावा किया है। लेकिन इन गांवों में पहुंचते ही ये दावे फेल साबित हाेने लगते हंै। इन गांवों के लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का कार्य कोल्हापुर की सावली फाउंडेशन के सदस्यों ने किया है। फाउंडेशन ने यह कार्य कोल्हापुर की रोटरी क्लब ऑफ होराइजन की मदद से किया है। तीनों गांवों में पहुंचकर संस्था के सदस्यों ने तकरीबन 100 से अधिक सौर दीप का िवतरण किया। अब लोगों के घरों में प्रकाश फैलने लगा है। सोमवार को घरों में सौर दीप का उजियाला होते ही मानों गांव में दीपोत्सव शुरू हो गया। इन गांवों को प्रकाशमान करने के साथ-साथ अन्य प्रकार की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का मन भी अब फाउंडेशन के सदस्यों ने बनाया है। तीनों गांवों के आदिवासियों ने संस्था के सदस्यों का आभार व्यक्त किया है।