कोविड योद्धाओं को दिए जाने वाले बीमा सुरक्षा का खर्च सरकार स्वयं करे
महापौर ने पुनर्विचार के लिए भेजा परिपत्रक कोविड योद्धाओं को दिए जाने वाले बीमा सुरक्षा का खर्च सरकार स्वयं करे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोनाकाल में कोविड योद्धाओं को दिए जाने वाले बीमा सुरक्षा खर्च राज्य के ‘अ’ और ‘ब’ दर्जे की महानगर पालिका खुद करें। इस आशय का परिपत्रक राज्य सरकार ने निकाला है, लेकिन नागपुर मनपा की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह खर्च राज्य सरकार स्वयं करे, यह निर्णय लेते हुए राज्य सरकार को परिपत्रक पुनर्विचार के लिए वापस भेजने के निर्देश महापौर दयाशंकर तिवारी ने दिए हैं।
निजी ठेका कर्मचारी छूट गए
मनपा में कचरा संकलन, जलापूर्ति, परिवहन आदि सेवा निजी कंपनी को सौंपी गई है। कोरोनाकाल में यह कर्मचारी कर्तव्य पर थे। केंद्र सरकार की योजना में इन कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा दी गई थी, किन्तु मनपा ने इन कर्मचारियों की गिनती नहीं की। कोविड के कारण मनपा के परिवहन सेवा के मनीष खंडारे कर्मचारी की मृत्यु हुई। कचरा संकलन करने वाले एजी कंपनी का एक, बीवीजी के 1 कर्मचारी शामिल हैं, लेकिन प्रशासन की सूची में यह शामिल नहीं किए गए।
21 में से सिर्फ 1 प्रस्ताव मंजूर
कोरोनाकाल में मृत मनपा कर्मचारियों में से 21 कर्मचारियों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। इसमें 13 प्रस्ताव अपात्र ठहराए गए हैं। 6 प्रस्ताव विचाराधीन हैं। सिर्फ 1 प्रस्ताव मंजूर होने की जानकारी दी गई है।
50 लाख तक बीमा सुरक्षा
केंद्र सरकार के गरीब कल्याण योजना अंतर्गत कोविड योद्धाओं को 50 लाख रुपए तक बीमा सुरक्षा दी जाती थी। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में मनपा के कुल 43 कर्मचारियों की कोविड के कारण मृत्यु हुई। एड. धर्मपाल मेश्राम ने मनपा की आमसभा में सवाल उठाया कि मनपा के निजी ठेका कर्मचारियों का इसमें समावेश नहीं है। योजना अंतर्गत ठेका कर्मचारियों का इसमें समावेश होने के बावजूद कर्मचारियों को प्रशासन ने इसमें शामिल नहीं किया। यह प्रशासन की कामचोरी है। ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की। इस दौरान कोविड योद्धाओं को दी जाने वाली बीमा सुरक्षा निधि संदर्भ में राज्य सरकार के परिपत्रक अनुसार राज्य के ‘अ’ और ‘ब’ दर्जे की महानगरपालिका को यह खर्च खुद वहन करने का आदेश जारी किया है, लेकिन मनपा की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नागपुर मनपा के लिए यह खर्च वहन करना संभव नहीं है।