जवाब दाखिल करने सरकार को मिला और एक सप्ताह का समय
आनलाइन शिक्षा और मध्याह्न भोजन जवाब दाखिल करने सरकार को मिला और एक सप्ताह का समय
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गड़चिरोली जैसे दुर्गम क्षेत्र में विद्यार्थियों को अॉनलाइन शिक्षण और मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए किए गए उपाययोजना बाबत जवाब देने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को एक सप्ताह की अवधि बढ़ाकर दी है। गड़चिरोली स्थित दस शालेय विद्यार्थियों ने उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायमूर्ति को पत्र लिखकर शिकायत करने के बाद नागपुर खंडपीठ ने जनहित याचिका दायर की थी। इस प्रकरण में न्या. सुनील शुक्रे और न्या. अनिल किलोर के समक्ष सुनवाई हुई।
पिछली सुनवाई मेंे न्यायालय मित्र एड. फिरदोस मिर्जा ने शिक्षा अधिकारी कानून और अन्न सुरक्षा कानून के विविध प्रावधान न्यायालय के ध्यान में लाकर देते हुए दावा किया था कि केंद्र व राज्य सरकार न्याय देने में विफल रहे। न्यायालय को इसमें प्राथमिक दृष्टया तथ्य मिलने पर सरकार से सवाल किया था। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा समय सीमा में जवाब नहीं देने पर न्यायालय ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग के सचिव व आदिवासी विकास विभाग के सचिव को न्यायालय ने उपस्थित रहकर स्पष्टीकरण पेश करने और स्पष्टीकरण असमाधानकारक होने पर सरकार पर आवश्यक दावा खर्च लगाने की चेतावनी दी थी। बुधवार को हुई सुनवाई में प्रतिवादियों ने जवाब दाखिल करने के लिए समय बढ़ाकर मांगा।