मुलचेरा के किसानों ने दी तहसील कार्यालय पर दस्तक
गड़चिरोली मुलचेरा के किसानों ने दी तहसील कार्यालय पर दस्तक
डिजिटल डेस्क, मुलचेरा (गड़चिरोली)। खरीफ सत्र में आदिवासी विकास महामंडल के सरकारी धान खरीदी केंद्रों में धान की बिक्री के लिए किसानों को ई-फसल के साथ सात-बारह प्रमाणपत्र को ऑनलाईन करने की शर्त रखी गयी है। इस प्रक्रिया के लिए 15 अक्टूबर तक की अवधि दी गयी है। लेकिन तहसील के अधिकांश किसानों के सात-बारह प्रमाणपत्र तकनीकी कारणों के चलते ऑनलाईन नहीं हो पाये है। जिसके कारण किसानों को अपना धान निजी व्यापारियों को बेचना पड़ेगा। ऑनलाईन प्रक्रिया के लिए अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर तहसील के दर्जनों गांवों के किसानों ने बुधवार को तहसील कार्यालय पर पहुंचकर तहसीलदार कपिल हाटकर को ज्ञापन सौंपा।
अपने ज्ञापन में किसानों ने बताया कि, तहसील के विजयनगर, लक्ष्मीपुर, गांधीनगर, कालिनगर, गणेशनगर, विवेकानंदपुर, देवनगर, उदयनगर, विश्वनाथनगर आदि गांवों के किसानों की फसल अगस्त माह में हुई अतिवृष्टि के चलते नष्ट हुई। फसलें बर्बाद होने के बाद भी किसानों ने हिम्मत जूटाकर दोबारा बुआई की। वर्तमान में किसानों की फसलें पूरी तरह तैयार हो गयी है। कुछ किसानों ने खेतों में धान कटाई का कार्य शुरू भी कर दिया है। सरकार ने धान की बिक्री के लिए समर्थन मूल्य घोषित करने से नुकसान से बचने के लिए किसान सरकारी धान खरीदी केंद्रों पर ही धान की बिक्री पर अपना ध्यान केंद्रीत किये हुए है। मात्र बिक्री के लिए सरकार ने अनेक तरह की शर्ते लागू कर रखी है। पहले खेतों में ई-फसल करने के बाद किसानों को अपने सात-बारह प्रमाणपत्र को ऑनलाईन करना पड़ रहा है। तहसील के अधिकांश किसानों ने ई-फसल की प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। लेकिन संबंधित पटवारी के डीएसी उपकरण में किसानों के सात-बारह प्रमाणपत्र ऑनलाईन नहीं दिखायी दे रहें है। जिसके कारण किसान एक बार फिर संकट में फंसे नजर आ रहें है। इस प्रक्रिया के लिए अवधि बढ़ाने की मांग किसानों ने अपने ज्ञापन से की है। इस समय उत्तम बिश्वास, ललित गाईन, गणेश मंडल, सुजातन िसकदार, सुरेश रॉय, श्रीहरि सरकार, पंचाराम रॉय, नारायण पात्रा, अनिता मंडल आदि समेत अन्य किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।