4 घंटे बंद रही जिला अस्पताल की बिजली एक्स-रे, सोनोग्राफी समेत बंद रही पैथोलॉजी लाइट के इंतजार में बैठे पेशेन्टों को अंतत: लौटना पड़ा
मध्य प्रदेश 4 घंटे बंद रही जिला अस्पताल की बिजली एक्स-रे, सोनोग्राफी समेत बंद रही पैथोलॉजी लाइट के इंतजार में बैठे पेशेन्टों को अंतत: लौटना पड़ा
डिजिटल डेस्क, सतना। जिला अस्पताल में सोमवार को रुटीन ओपीडी के समय लगातार 4घंटे बिजली बंद रहने से सीटीस्केन, एक्स-रे और सोनोग्राफी के साथ पैथोलॉजी से संबंधित चेकअप बंद रहे। ग्रामीण क्षेत्रों से आए पेशेन्ट चेकअप के लिए नैदानिक केन्द्र में घंटों बैठे रहे। दोपहर 1 बजे तक लाइट नहीं आने के बाद आधे से अधिक मरीज बगैर जांच कराए ही लौट गए। कुछ ने तो बिजली का इंतजार किया। दोपहर 2 बजकर 10 मिनट में लाइट आई तब जाकर कुछ चेकअप किए गए। इस अव्यवस्था से गंभीर रोगियों को अधिक परेशानी हुई। बिजली विभाग के मुताबिक सब्जीमंडी के 33/11 केवी के सबस्टेशन के मेन्टीनेंस के चलते बिजली बंद की गई थी। इसी सबस्टेशन से सुभाष पार्क फीडर भी निकलता है। जिला अस्पताल की बिजली भी इसी फीडर से जुड़ी है। लिहाजा सुबह 10 से दोपहर सवा 2 बजे तक बिजली बंद रही। जबकि परमिट सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक था।
ओपीडी एक नजर में
सोमवार को रुटीन ओपीडी 1300 के पार रही। 140 से अधिक पेशेन्टों को भर्ती भी किया गया। आमतौर पर इतनी ओपीडी होने पर एक दिन में 150 से अधिक एक्स-रे और 300 से अधिक लोगों के पैथोलॉजी टेस्ट किए जाते हैं। सामान्य दिनों में 30 से अधिक सीटीस्केन और इतने ही पेशेन्ट सोनोग्राफी के लिए भी आते हैं। लेकिन 4 घंटे बिजली बंद रहने से केवल 50 एक्स-रे ही हो पाए, 200 से अधिक पेशेन्ट बगैर ब्लड टेस्ट कराए लौटे। सोनोग्राफी तो हुई ही नहीं।
जनरेटर और सोलर पैनल भी नाकाफी
वैसे तो जिला अस्पताल में 62 से 12 केवीए के बीच अलग-अलग विभागों में 11 जनरेटर लगाए गए हैं। लेकिन एससीएनयू, आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर को छोड़ अन्य जगह के एक्यूपमेंट चलाने के लिए जनरेटर भी नाकाफी साबित हुए। राहत की बात यह है कि वार्डों के बल्ब और कूलर-पंखे किसी कदर चलते रहे, अन्यथा गर्मी से मरीजों की फजीहत हो जाती। गायनिक और एनआरसी के साथ अन्य जगह लगे एसी भी बंद रहे। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक बिजली बंद रहने से 200 लीटर से अधिक डीजल की खपत आई है। ऑक्सीजन प्लांट के लिए 250 और ट्रॉमा सेंटर के लिए 124 केवीए के दो अलग बड़े जनरेटर लगाए गए हैं।