नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दस साल की सजा
कोर्ट का फैसला नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दस साल की सजा
डिजिटल डेस्क, अकोट । 15 जून 2018 को बारह वर्षीय नाबालिग बालिका से दुराचार के मामले में अकोट के अति.जिला व सत्र न्यायाधीश चकोर बाविस्कर ने घटना के आरोपी अकोट निवासी 21 वर्षीय सागर दीपक लबडे को बालकों के यौन शोषण से सुरक्षा अधिनियम की धारा 3,4 व 18 के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास तथा 15 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी ने यदि जुर्माने की रकम अदा नहीं की तो उसे एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। जबकि आरोपी की ओर से जमा की गई जुर्माने की संपूर्ण राशि नुकसान मुआवजे के तहत पीडित को देने के निर्देश भी न्यायालय ने दिए हैं। अपने आदेश में न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सम्बन्धित पीडिता को अधिक नुकसान मुआवजा देने के संदर्भ में तथा आवश्यकता क अनुसार उसका पुनर्वास करने के लिए समाज कल्याण विभाग तथा जिला विधि सेवा समिति आवश्यक कदम उठाएं।
यह है घटना -ज्ञात हो कि तीन वर्ष पूर्व बारह वर्षीय पीड़िता ने अपनी मां के साथ अकोट शहर पुलिस स्टेशन पहुंचकर आरोपी सागर लबडे के खिलाफ 15 जून 18 को शिकायत दी थी जिसमें उसने स्पष्ट किया था कि उसके माता पिता खेत में मजदूरी करते हैं। घटना के समय वह कक्षा छठवीं की छात्रा थी। 15 जून को जब उसकी मां तथा पिता खेत में मजदूरी के लिए गए उसी समय दोपहर 3 बजे आरोपी ने उसे आवाज देकर बुलाया तथा अपने सूने घर में ले जाकर उससे दुष्कर्म किया। जिसकी शिकायत उसने अपनी मां से की। इसी शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 376 (3), उपधारा 3 व 4 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की जांच तत्कालीन एपीआई शुभांगी कोरडे ने की थी। तथा पास्को के तहत दोषारोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। इस मामले में सरकार की ओर से अधिवक्ता अजित देशमुख ने 8 गवाहों के बयान दर्ज किए। जबकि पैरवी अधिकारी के रूप में संजय पोटे ने सहयोग किया। बहस के बाद न्यायालय ने आरोपी को दस वर्ष का सश्रम कारावास व 15 हजार जुर्माना सुनाया।