तमिलनाडु : यूट्यूबर को 6 महीने की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
तमिलनाडु तमिलनाडु : यूट्यूबर को 6 महीने की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने जाने-माने यूट्यूबर सवुक्कू शंकर को उच्च न्यायपालिका के खिलाफ उनकी टिप्पणी से जुड़े एक मामले में छह महीने की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।22 जुलाई को यूट्यूब चैनल पर दिए एक इंटरव्यू के दौरान शंकर ने कहा था कि पूरी उच्च न्यायपालिका भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं। इस टिप्पणी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई।न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन और बी. पुगलेंधी ने कहा कि न तो यूट्यूबर को अपने बयान पर कोई पछतावा है और न ही उन्होंने माफी मांगी है।पीठ ने कहा कि यूट्यूबर द्वारा दिए गए बयान जनता के सामने अदालतों और न्यायाधीशों की प्रतिष्ठा और सम्मान को ठेस पहुंचाते है।
न्यायाधीशों ने कहा, अगर अवमाननाकर्ता को अपनी गलती का एहसास होता और वह ईमानदारी से माफी मांगता तो हम कार्यवाही बंद कर देते। हालांकि ऐसा किए बिना वह अपने बयान पर अड़ा रहा।उन्होंने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट ने छह साल पहले यूट्यूबर के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। बावजूद इसके वह न्यायपालिका के खिलाफ अपने बयान देता रहा।
पीठ ने कहा, अवमानना करने वाले ने न्यायपालिका पर अपना हमला जारी रखने के अपने संकल्प को दोहराया है। उसने यहां तक कहा है कि उसे अधिकतम छह महीने की सजा दी जा सकती है और बाहर आने के बाद वह न्यायाधीशों और न्यायपालिका पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करेगा।पीठ ने कहा कि अवमानना करने वाला एक लोकप्रिय यूट्यूबर है, उसके इंटरव्यू को लाखों लोग देखते हैं।
उन्होंने कहा, उनके इंटरव्यू के कमेंट सेक्शन को न्यायाधीशों और न्यायालयों को सबसे क्रूर शब्दों में चित्रित किया गया है। यह कहना गलत नहीं है कि सोशल मीडिया में अवमानना करने वाले को हजारों लोग देख और सुन रहे हैं और उसकी बातों से इस संस्था की प्रतिष्ठा और गरिमा को ठेस पहुंचती है।अदालत ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि आपत्तिजनक साक्षात्कार और लेखों को तुरंत हटा दिया जाए।
पीके/एसकेके
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