सुप्रीम कोर्ट का शहरों के नाम बदलने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार
महाराष्ट्र सुप्रीम कोर्ट का शहरों के नाम बदलने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहर का नाम बदलने के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट 27 मार्च को सुनवाई कर रहा है, इसलिए वह हाईकोर्ट जाए। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने अदालत को यह सूचित किया कि मामला 27 मार्च को हाईकोर्ट में सूचीबद्ध गया है, इसके बाद पीठ ने फैसला किया कि वह मामले पर विचार नहीं करेगा। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील फुजैल अय्युबी ने कहा कि अब कपिल सिब्बल मामले में पेश हो रहे हैं, इसलिए इसे सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया जाए। हालांकि अदालत इसे फिर उठाने के लिए इच्छुक नहीं थी। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह अब बॉम्बे हाईकोर्ट जाए। कोर्ट ने इसे सूचीबद्ध कर रखा है।
याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने 1996 में औरंगाबाद का नाम बदलने के इसी तरह के प्रयास को चुनौती दी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था, अनुमति दी गई और अदालत ने यथास्थिति का आदेश दिया। हालांकि बाद में अधिसूचना को राज्य सरकार द्वारा वापस ले लिया गया और इस तरह से मामला निष्फल हो गया। याचिका में कहा गया है कि शहर का नाम बदलने के वर्तमान प्रयास को उनके द्वारा एक जनहित याचिका के माध्यम से फिर से चुनौती दी गई थी, जो बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित रही। बावजूद केंद्र सरकार ने याचिका की लंबितता को नजरअंदाज करते हुए शहर के नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।