सोयाबीन के बीज नहीं हुए अंकुरित, दोबारा बुआई का संकट
किसान चिंतित सोयाबीन के बीज नहीं हुए अंकुरित, दोबारा बुआई का संकट
डिजिटल डेस्क, भद्रावती (चंद्रपुर)। तहसील के विविध स्थानों पर किसानों ने विभिन्न कंपनियों के सोयाबीन के बीज खेतों में बोए, किंतु बीज उगे नही नहीं, जिससे कि अब किसानों पर दोबारा बुआई का संकट आ गया है। साथ ही आर्थिक चिंता भी सताने लगी हैै। दुकानदार को बताने पर वे कंपनी से शिकायत करने की सलाद दे देते हैं। इस ओर कृषि विभाग को ध्यान देने की जरूरत है।
गौरतलब है कि, मृग नक्षत्र शुरू होते ही किसान बाजार से बीज और खाद खरीदना शुरू कर देता है। फिलहाल यह किसानों को पता नहीं चल पाता है कि बोया गया बीज उगेगा या नहीं। हर साल विभिन्न प्रकार के बीज उपलब्ध होते हैं, लेकिन उनका परीक्षण कभी नहीं किया जाता। कृषि केंद्र वाले यह बीज अति उत्तम है और अच्छी फसल होगी कहकर किसानों को ठग लेते हैं। रालेगांव, मानगांव, पाटाला क्षेत्र के हनुमान खमनकर, संदीप चोपने, संजय आगलावे, कैलास आवारी, बंसी खमनकर, संजय अवारी पुरुषोत्तम बोढाने, लटारी रांगनकर, मारोती धागड़ी आदि किसानों ने विविध कंपनियों के बीज खरीदे और अपने अपने खेतों में बाेए। लेकिन ओसवाल 111, बूस्टर, विक्रांत जैसे कंपनियों के बीज बोने पर भी वे अंकुरित नहीं हुए। अधिक उत्पादन और कीमतों के कारण सोयाबीन की बुआई बढ़ाने के अवसर को देखते हुए कई कंपनियों ने इस साल सोयाबीन के बीज बाजार में उतारे। यह देखना महत्वपूर्ण है कि तहसील कृषि विभाग अब इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है। इस तरह की घटना हर साल हो रही है, लेकिन इसमें किसान को नुकसान ही नुकसान हो रहा है। किसानों ने कृषि केंद्र में शिकायतें दर्ज की, लेकिन दुकानदार कंपनी के तरफ उंगली उठाकर अपने आप को बचा रहे हैं। किसान पहले ही आर्थिक संकट से परेशान है उस पर दुकानदार आैर ंपनी के खिलाफ न्यायालय में न्याय के लिए नहीं जा सकता, इसलिए दुकानदार किसानों को लूटने की बात कही जा रही है।