मातृभाषा ' एक भारत श्रेष्ठ भारत ' मिशन का एक महत्वपूर्ण माध्यम : विश्वास सारंग

एमसीयू मातृभाषा ' एक भारत श्रेष्ठ भारत ' मिशन का एक महत्वपूर्ण माध्यम : विश्वास सारंग

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-09 13:51 GMT
मातृभाषा ' एक भारत श्रेष्ठ भारत ' मिशन का एक महत्वपूर्ण माध्यम : विश्वास सारंग

डेस्क रिपोर्ट, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में "एक भारत श्रेष्ठ भारत" पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग थे, वहीं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संगठन महामंत्री श्री गोलक बिहारी राय थे। सेमिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के जी सुरेश ने की।  संगोष्ठी में पूर्व आइपीएस एवं मंच के मप्र इकाई के अध्यक्ष श्री एसके राऊत, एवं एएफआरसी के अध्यक्ष डॉ रविन्द्र कान्हेरे, आईआईएमसी के प्रो अनिल सौमित्र भी उपस्थित थे। 

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने अपने उद्बोधन में कहा कि मातृभाषा " एक भारत श्रेष्ठ भारत " मिशन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। भारत के पास पर्यावरण संरक्षण की चुनौती का समाधान है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत का दर्शन आत्मसात करना ही पर्याप्त है। जिस समाज ने ऐसा कर लिए वहां पर्यावरण समृद्ध रहेगा। श्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जो एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करने जा रहा है, इसके लिए टेक्स्टबुक प्रिंट हो रही हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो केजी सुरेश ने कहा कि घर_घर तिरंगा अभियान एक प्रभावी मिशन है, जिसे देश में सफल होते हम देख रहे हैं। इसकी सफलता यह बताती है कि भारत के लोग भारतीय और राष्ट्रीयता को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को हमे और सफल बना है। प्रो सुरेश ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत देश की एकता, अखंडता और उत्कृष्ठ भारत मिशन है।  कश्मीर देश की एकता और अखंडता की महत्वपूर्ण कड़ी है, हमारी संसद न केवल भारत के हिस्से वाले कश्मीर अपितु गिलगिट बाल्टिस्तान और पाक अतिक्रमित  कश्मीर को भी भारत का अभिन्न के रूप में अंगीकार और घोषित कर चुकी है।

कुलपति प्रो सुरेश ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए क्षेत्रीय विविधता वाले लोगों को आपस में जोड़ना आवश्यक है, जिससे हम एक दूसरे की संस्कृति, रहन सहन के साथ सामंजस्य और समरसता बड़ा सकें। विविधता प्राकृतिक है, हमारी सभी क्षेत्रीय संस्कृति में मूल रूप से एकरुपता है, जिसे समझने की आवश्यकता है। हमारे अंदर के राष्ट्र तत्व को समझने का अवसर है, इसमें हम अपने आचरण और कृतित्व से अवश्य सफल होंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संगठन महामंत्री व मुख्य वक्ता श्री गोलक बिहारी राय ने कहा भारत खड़ा हो रहा है, श्रेष्ठ हो रहा है, और 1971 में इसकी नीव पड़ चुकी थी। उन्होंने अपने उद्बोधन में चीन और पाकिस्तान की जमकर खबर ली। श्री राय ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चल रहे आंदोलन और तेज संघर्ष की बात कही। चीन, तिब्बत विवाद, चीन के कब्जे, विश्व में व्यापार और संसाधनो पर बुरी नजर और  इसकी साजिश के बारे में बताया। 

वर्तमान में भारत एक साथ कई चुनौतियों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि अलगाववाद, आतंकवाद, नक्सलवाद/माओवाद लेकिन ये सभी समस्याएं अब कमजोर हो रही हैं, भारत आज वैचारिक संघर्ष में भी घिर रहा है। ऐसी ही चुनौती यूरोप की भी है, वहां भी उदारवाद के बाद अब राष्ट्रवाद पुनर्जीवित हो रहा है।

एएफआरसी के अध्यक्ष डॉ रविन्द्र कान्हेरे ने कहा कि देश तब मजबूत होगा जब हमारे पास फ़ौजी ताकत हो, लोकतंत्र हो, प्रेस की आजादी हो, आर्थिक सम्पन्नता हो, आपस में प्रेम भाईचारा हो, हमारे देश में यह सब कुछ है। उन्होंने कहा कि विचारों में भिन्नता हो सकती है लेकिन देशहित में, व्यापक हित में,  बुनियादी चीजों में असहमति नहीं होना चाहिये। डॉ कान्हेरे ने  कहा कि जब आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी तो हम श्रेष्ठ भारत बनेंगे। श्री एसके राऊत ने कहा कि मंच का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा के बारे में जागृति पैदा करना है। इस अवसर पर आईआईएमसी के प्रो अनिल सौमित्र की पुस्तक संचार एवं समाज शास्त्र का विमोचन भी किया गया।

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