आईसीएआरडीए के वैज्ञानिकों ने किया भ्रमण
भ्रमण आईसीएआरडीए के वैज्ञानिकों ने किया भ्रमण
डिजिटल डेस्क | खरगौन कसरावद विकासखंड के माकड़खेड़ा और कठोरा में इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इन दि ड्राई एरिया मध्यप्रदेश के आमलाहा के वैज्ञानिकों ने भ्रमण किया। वैज्ञानिकों के दल में इकार्डा संस्थान के मृदा एवं जल वैज्ञानिक डॉ. विजय नांजिया, मोरक्को के पादक प्रजनन वैज्ञानिक डॉ. रीना मैहरा, भुवनेश्वर के कृषि अर्थशास्त्र वैज्ञानिक डॉ. निगम नन्दा स्वाईन और स्थानीय कृषि उपसंचालक श्री एमएल चौहान, महेश्वर एसडीओ श्री मानसिंह ठाकुर, सहायक संचालक श्री दिपक मालवीय और विभाग का क्षेत्रिय अमला मौजूद रहा।
वैज्ञानिकों ने माकड़खेड़ा और कठोरा में कपास, सोयाबीन और गेहू उत्पादक कृषकों के खेतों का अवलोकन किया। वैज्ञानिकों के दल ने माकड़खेड़ा के कृषक दिलीप गजराजसिंह और रामेश्वर राजाराम तथा कठोरा के परमानंद आंनदराम सहित अन्य किसानों से कम लागत में कपास की अधिक उत्पादन के प्रोजेक्ट के संबंध में चर्चा की।
साथ ही वैज्ञानिकों ने किसानों को वर्षा, सिंचाई तकनीक, खाद एवं उर्वरक प्रबंधन तथा कीट व अन्य बीमारियों के नियंत्रण के बारे में सुझाव दिए गए। इसके अलावा कृषकों से खेती में कम लागत से अधिक मुनाफे को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। मप्र के आमलाहा की आईसीएआरडीए के वैज्ञानिकों ने कम लागत में अधिक उत्पादन प्रोजेक्ट के अंतर्गत समय-समय पर दी जाने वाली कृषकों को सलाह तथा इस प्रोजेक्ट से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदूओं के बारे में अवगत कराया गया।
कृषि उपसंचालक श्री चौहान ने बताया कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2 से 3 किमी. क्षेत्रफल की परिधि में 4 से 5 कृषकों का चयन कर एक छोटो टॉवर स्थापित कर कैमरे लगाएं जाएंगे। वहीं ड्रोन के माध्यम से फसलों का अवलोकन किया जाएगा। साथ ही चयनित किसानों से उन्नत तकनीकी के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस प्रोजेक्ट की अवधि 3 वर्ष की होगी। जिसमें परम्परागत कृषि से तुलना कर फसल की लागत, उत्पादन, आमदनी आदि के संबंध में तुलानात्मक अध्ययन कर परिणाम बताएं जाएंगे।