दम तोड़ रही योजनाएं,रमाई और शबरी आवास योजना पाई-पाई को मोहताज
उपेक्षा दम तोड़ रही योजनाएं,रमाई और शबरी आवास योजना पाई-पाई को मोहताज
डिजिटल डेस्क,नागपुर। गरीबों के सपनों को पूरा करने के लिए बनाई गई आवास योजनाएं महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल दम तोड़ती नजर आ रही हैं। फिर वह कोई भी आवास योजना हो, सबका रोना एक समान है। अनुसूचित जाति-नवबौद्धों को पक्के आवास उपलब्ध कराने बनाई गई रमाई आवास योजना और अनुसूचित जनजाति-आदिवासियों की शबरी आवास योजना इस शासनकाल में घोर उपेक्षा का शिकार हो रही हैं। दोनों योजनाओं के लाभार्थियों को सरकारी अनुदान की किस्त नहीं मिलने से उनका ‘अपना घर’ का सपना अधर में है। पाई-पाई के लिए योजना के काम अटके हुए हैं। रमाई आवास योजना को 40 करोड़ की दरकार है तो शबरी आवास योजना को 2014 से एक पैसा नहीं मिला है।
रमाई को 40 करोड़ की दरकार
रमाई आवास योजना के लिए मंजूर लाभार्थियों को अनुदान आवंटित करने मनपा को 40 करोड़ रुपए की आवश्यक्ता थी। इसमें से 1 करोड़ 50 लाख रुपए महानगरपालिका को समाजकल्याण विभाग ने दिए। बाकी 38 करोड़ 50 लाख की राशि की मांग नागपुर विभागीय समाज कल्याण उपायुक्त द्वारा राज्य सरकार के समाज कल्याण उपायुक्त से समय-समय पर की गई। किंतु, वर्ष भर बाद भी अनुदान की राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है।
शबरी को 2014 से एक धेला नहीं मिला
यही हाल आदिवासी विकास विभाग का है। आदिवासी विकास विभाग द्वारा कार्यान्वित शबरी आवास योजना में सन् 2014-15 से अबतक एक भी लाभार्थी को अनुदान की राशि नहीं दी गई है। नागपुर महानगर पालिका क्षेत्र में 2014-15 में इस योजना के लिए 54 लाख की अनुदान राशि सरकार ने मंजूर की थी। इस राशि से 27 लाभार्थियों को पक्के आवास बनाने के लिए दो-दो लाख रुपए आवंटित किए गए। तब से इस योजना के तहत किसी भी आदिवासी लाभार्थी को अनुदान नहीं मिला है।
अधिकारी भी पत्र भेजकर परेशान
इन दोनों योजनाओं में अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवारों को पक्के आवास बनाने के लिए ढाई लाख रुपए तक अनुदान दिया जाता है। किंतु, पहली किस्त मिलने के बाद दूसरी व तीसरी किस्त नहीं मिलने से लाभार्थियों को आवास का काम बीच में रोकना पड़ रहा है। सरकार द्वारा महानगरपालिका को अनुदान आवंटित नहीं करने से यह स्थिति निर्माण हुई है। शहर विकास मंच ने समाज कल्याण विभाग के विभागीय आयुक्त तथा आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त से मिलकर इस संदर्भ में समय-समय पर निवेदन देकर सरकार से अनुदान दिलाने की मांग की। तत्पश्चात समाज कल्याण के विभागीय उपायुक्त ने पुणे स्थित समाज कल्याण आयुक्त कार्यालय के उपायुक्त को 22 फरवरी 2021 को पत्र भेजकर नागपुर महानगर पालिका क्षेत्र में रमाई आवास योजना के लिए अनुदान की राशि जारी करने की सिफारश की थी। बावजूद नागपुर के लिए राशि का आवंटन नहीं किया गया है। इस तरह के पत्र अनेक बार पुणे समाज कल्याण विभाग को भेजे गए, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।
सरकार ने आंखें मूंद ली हैं
महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार दलित-आदिवासियों के कल्याण का कितना भी दावा करे, किंतु अनुसूचित जाति-जनजाति की आवास योजना के लिए अनुदान की राशि आवंटित करने से कतरा रही है। अनुदान की पूरी राशि नहीं मिलने से गरीबों के आवास का सपना अधूरा है। सरकार इन समूहों की उपेक्षा कर रही है।
-अनिल वासनिक, संयोजक, शहर विकास मंच, नागपुर