आने वाले विदेशियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य
कर्नाटक आने वाले विदेशियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने बुधवार को कहा कि राज्य में विदेश से आने वाले सभी यात्रियों के लिए बुधवार से हवाई अड्डों पर अनिवार्य तौर पर आरटी-पीसीआर जांच शुरू कर दी गई है। सुधाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विदेश से आने वाले सभी लोगों के लिए आरटी-पीसीआर अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनता से यह भी अपील की है कि अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती और उन्हें सहयोग करना चाहिए और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। अगर हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो यात्री घर जा सकते हैं और उन्हें 7-दिवसीय क्वारंटीन अवधि से गुजरना होगा। क्वारंटीन अवधि के दौरान उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि ऐसे लोग, जिनमें कुछ लक्षण दिखाई देते हैं मगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उनका पांचवें दिन फिर से परीक्षण किया जाएगा। सात दिनों के बाद निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही वे घूमने के लिए स्वतंत्र होंगे। आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। यात्रियों को कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि परीक्षण अनिवार्य है, लेकिन यह अपरिहार्य है। अगर ओमिक्रॉन वायरस का पता चलता है, तो उनका इलाज अस्पतालों के विशेष आइसोलेशन वार्ड में किया जाएगा। सरकार ने अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों के साथ बातचीत की है। सुधाकर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में उपाय सुझाने के लिए पहले ही जिला अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई है।
अध्ययनों से पता चला है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स में एंटीबॉडी की उपस्थिति कम हो रही है और उन्हें बूस्टर कोविड टीकाकरण खुराक की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बोम्मई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ इस पर चर्चा करेंगे। सुधाकर ने कहा, अगर जनता सरकार के साथ सहयोग करती है, तो हम जल्द ही डर से दूर हो सकते हैं। ओमिक्रॉन पर काबू पाने के लिए जागरूकता और सतर्कता जरूरी है। मंत्री ने कहा कि कोविड तकनीकी सलाहकार समिति ने वैक्सीन की दो खुराक नहीं लेने वालों के लिए सरकार को उनकी सुविधाओं को रोकने और दंडित करने की सलाह दी है। लेकिन सरकार का ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है। इसके बजाय सरकार लोगों को प्रोत्साहित करते हुए टीकाकरण कराने की सलाह दे रही है। पिछले दो दिनों में वैक्सीन लेने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। घर-घर वैक्सीन अभियान भी जोर पकड़ रहा है। सुधाकर ने यह भी कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन बच्चों को कैसे प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, लेकिन हम जानते हैं कि यह बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। केंद्र सरकार भी बच्चों के टीके पर विचार कर रही है। वैक्सीन के जल्द से जल्द सभी राज्यों में उपलब्ध होने की उम्मीद है।
(आईएएनएस)