शासकीय योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम-कलेक्टर श्री भीम सिंह!

शासकीय योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम-कलेक्टर श्री भीम सिंह!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-11 09:21 GMT
शासकीय योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम-कलेक्टर श्री भीम सिंह!

डिजिटल डेस्क | एक दिवसीय कार्यशाला में प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों से किया सीधा संवाद रायगढ़, 10 मार्च2021 मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के साथ शासन की विभिन्न योजनाओं के प्रभावी धरातलीय क्रियान्वयन के मद्देनजर आज जिले के सरपंच/सचिवों व पार्षदों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कलेक्टर श्री भीम सिंह की पहल पर आयोजित इस कार्यशाला के माध्यम से प्रशासन ने सीधा जनप्रतिनिधियों से संवाद किया। जिसमें शासन की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन तथा जनप्रतिनिधियों के भूमिका के संबंध में जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुये कहा कि कुपोषण को हटाने में समुदाय व जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ गांव के लोग जब साझा प्रयास करेंगे तो हमारे बच्चों को कुपोषण के कुचक्र से जल्द मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि अधोसंरचनात्मक विकास अपनी जगह पर है पर बच्चों का स्वास्थ्य कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में प्रशासनिक प्रयासों के साथ आप सभी का सहयोग काफी अहम है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ में कुपोषण दूर करने के लिये डीएमएफ मद से 14 करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है। रेडी टू ईट के साथ ही बच्चों को गर्म भोजन दिया जा रहा है जिससे यह सुनिश्चित हो कि पोषण आहार सही समय पर बच्चों को मिल रहा है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं व एनिमिक महिलाओं को भी गरम भोजन दिया जा रहा है।

यह सभी व्यापक स्तर पर किये जा रहे कार्य है। पोषण आहार के रूप में सहयोग के साथ ही योजना के क्रियान्वयन की नियमित मॉॅनिटरिंग में उनकी सहभागिता महत्वपूर्ण हैंं। इसी को ध्यान में रखते हुये कुपोषण मुक्त पंचायत अभियान की शुरूआत की है। जहां विभागीय प्रयास के साथ जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पंचायत से कुपोषण मिटाने के अभियान की शुरूआत की गई है। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि माहवारी स्वच्छता के लिये जिले में पावना अभियान की शुरूआत की गई है। इसका उद्देश्य न केवल किफायती दरों पर गांवों में सेनेटरी पैड उपलब्ध करवाना है बल्कि माहवारी से जुड़ी जो भ्रांतियां व्याप्त है उन्हें दूर करना है। इसके लिये स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले में सेनेटरी पैड निर्माण मशीन भी स्थापित की जा रही है।

अगले 6 माह में जिले के दूरस्थ इलाकों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी पैड उपलब्ध होंगेे। इस कार्य में भी जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। कलेक्टर श्री सिंह ने जनप्रतिनिधियों से नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी व गोधन न्याय योजना पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा यह योजनायें प्रारंभ की गई है। इसके संचालन में प्रतिनिधियों की भूमिका भी अहम है। गोधन न्याय योजना के तहत बनाये जा रहे वर्मी कंपोस्ट से जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। इससे जमीन व फसल की गुणवत्ता भी बरकरार रहेगी। उन्होंने बताया कि आज जिले में बनने वाले वर्मी कम्पोस्ट की मांग ओडिसा व झारखंड से भी आने लगी है।

गोधन न्याय योजना के तहत बनाये जा रहे वर्मी कम्पोस्ट के गुणवत्ता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके लिये आवश्यक है पंचायत प्रतिनिधि योजना के क्रियान्वयन में मॉनिटरिंग करें। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिये जल जीवन मिशन द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में बात करते हुये कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण योजना है। इसके माध्यम से हर घर को नल से जल आपूर्ति किया जाना है। इसका क्रियान्वयन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। मिशन अंतर्गत स्कूल, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केन्द्रों में रनिंग वाटर आपूर्ति के लिये पंचायत द्वारा कार्य किया जाना है। उन्होंने सभी से किये जाने वाले कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के लिये कहा। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को जागरूक करें।

उन्हें शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर लाभ लेने के लिये प्रोत्साहित करें। शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्ेाष फोकस के साथ कार्य करें। उन्होंने बताया कि गांवों में केसीसी बनाने का अभियान प्रारंभ होने जा रहा है। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने पंचायत से जुड़े कार्यों के संबंध में बात की तथा 14 वें तथा 15 वें वित्त के अंतर्गत किये जाने वाले कार्येां के बारे में बताया। उन्होंने मनरेगा के तहत किये जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी देते हुये इससे जुड़ी तकनीकी पहलुओं पर भी बात की। उन्होंने प्रतिनिधियों को पंचायत स्तर पर कार्ययोजना तैयार करते समय ध्यान देने वाले|

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