किसी और के नाम हो गया पंजीयन, भटक रहे है वास्तविक किसान

ककरहटी किसी और के नाम हो गया पंजीयन, भटक रहे है वास्तविक किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-13 05:51 GMT
किसी और के नाम हो गया पंजीयन, भटक रहे है वास्तविक किसान

डिजिटल डेस्क,ककरहटी नि.प्र.। सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से उपज खरीदी के लिए किसान का पंजीयन कराया जाता है और उपज जमा करने पर सरकार किसानों को निर्धारित समर्थन मूल्य की दर से राशि का भुगतान उनके द्वारा जमा की गई उपज पर करती है। किसान पंजीयन के लिए सरकार द्वारा जो व्यवस्था बनाई गई है उसमें सेंधमारी करते हुए बिचौलिए एवं व्यापारी बडी संख्या में फर्जी तरीके से किसानो की भूमि के नाम पर पंजीयन करवाकर समर्थन मूल्य का अनुचित तरीके से लाभ प्राप्त कर रहे है। सरकार द्वारा किसान पंजीयन एवं खरीदी से संबंधित जिम्मेदारी समितियों को सौपी जा रही है और समितियों में पंजीयन से संबंधित कार्य करने वाले ऑपरेटरों समिति प्रबंधकों द्वारा मिलीभगत बिचौलियों एवं दलालों से मिलीभगत कर पंजीयन कर दिए जाते है जिससे जहां वास्तविक किसान का पंजीयन नहीं हो पाता और किसान पंजीयन के लिए भटक-भटक कर परेशान हो जाता है।

प्राथमिक साख सहकारी समिति ककरहटी के कई क्षेत्र के किसानों की खसरा रकवा भूमि पर सहकारी समिति सिमरिया में फर्जी तरीके से अन्य दूसरो नामों से किए जाने की जानकारी की सामने आई है। जिन किसानों की जमीन अन्य किसी की के नाम पर हो गई है ऐसे किसान अपने नाम पर पंजीयन के लिए भटकते रहे और उनका पंजीयन नहीं हो पाया है। जिन किसानों की जमीन का अन्य किसी के नाम से हो गया है और वास्तविक किसान परेशान हो रहे है उनमें किसान सुदेश बाल्मीक खसरा नंबर 354/3, विशालिया रामदास 354/4/1, सुधा बाई मुन्नी बाई खान 1833/2 1512, घस्सी पिता वोडा खन 1485/2, मृतक सूरा 3817/2 3818/2 3816/2, जूग्गा हरि प्रसाद 160/3 कोरैया 3817/3, 3818/3, 3816/3, रूकमन देवी 1692 रमेश कुमार 1646 /1/2 3486/1, 374/2, 374/2/2, 373/2, 375/2/2, 3689/2, 3700/2, 3691/1, 1644/1/2, 3691/2/2 वहीं समाना पंचायत निवासी किसान खसरा क्रमांक 318 समाना हार 1280, 1151, 1256,15774,25४,249,1518 शािमल है। इसके अलावा अन्य किसानों के भी फर्जी तरीके से सिमरिया सोसायटी में अन्य किसी के नाम होने की जानकारी सामने आई है। ककरहटी सोसाइटी क्षेत्र अंतर्गत किसानों की रकवा भूमि का फर्जी तरीकेे  से सिमरिया सोसाइटी में रजिस्ट्रेशन होने को लेकर उच्चस्तरीय जांच करवाए जाने की मांग प्रशासन एवं खाद विभाग से की गई है। 

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