नाले, डेम और जंगल में बना रहे कच्ची शराब, आबकारी और पुलिस कार्रवाई के बाद भी जारी है कारोबार
अवैध कारोबारी बेखौफ नाले, डेम और जंगल में बना रहे कच्ची शराब, आबकारी और पुलिस कार्रवाई के बाद भी जारी है कारोबार
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। पुलिस और आबकारी विभाग अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है, बावजूद इसके कच्ची शराब का कारोबार चरम पर है। शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों से लगे नाले, डेम, नदी और जंगल में धड़ल्ले से शराब बनाई जा रही है। कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद है कि उनमें पुलिस कार्रवाई का भी खौफ नहीं है।
सूत्रों की माने तो सोमाढ़ाना, गंगई, रोहना, मोठार, गाडरीढाना, झंडा, मोहरली, ढबेरा समेत आसपास के गांवों से लगे नाले, डेम और जंगलों में अवैध शराब तैयारी की जाती है। आबकारी और पुलिस द्वारा इन क्षेत्रों मेें लगातार कार्रवाई की जा रही है। यहां हजारों किलो लाहन और भट्टियों को नष्ट किया गया। इसके बाद भी कारोबार बेखौफ फल-फूल रहा है। इन क्षेत्रों में पुलिस और आबकारी की कार्रवाई का कोई बड़ा असर दिखाई नहीं देता।
सुबह-सुबह ठिकाने लगा देते है शराब-
डेम, नदी, नाले और जंगलों में अवैध शराब बनाने वाले तड़के लगभग ४ बजे से अपने-अपने ठिकानों पर पहुंच जाते है। सूरज निकलने से पहले कच्ची शराब कुप्पी, टायरों में भरकर सप्लाई शुरू कर दी जाती है। यही नहीं डेम और जंगलों के आसपास छोटे-छोटे गड्ढ़े व प्लास्टिक के ड्रमों में महुआ सडऩे रख दिया जाता है। जिससे शराब तैयार की जाती है।
जंगलों से पेड़ काटकर जला रहे भट्टी-
अवैध कारोबारी जंगलों का भरपूर फायदा उठा रहे है। कारोबारियों द्वारा जंगल में बेखौफ कटाई की जाती है। इन्हीं लकडिय़ों का इस्तेमाल कर भट्टी जलाई जाती है उसमें कच्ची शराब तैयार की जाती है। जंगल से बहने वाले नालों के आसपास अवैध शराब की भट्टियां लगाकर शराब बनाई जाती है।
क्या कहते हंै अधिकारी-
पुलिस टीमें लगातार अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अब टीम गठित कर अवैध कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी जाएगी।
- अमन मिश्रा, सीएसपी