महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक आज से सामूहिक अवकाश पर
पन्ना महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक आज से सामूहिक अवकाश पर
डिजिटल डेस्क,पन्ना। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक विगत 30 वर्षों से अपनी लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत हैं साथ ही विगत दो वर्षों से संयुक्त मोर्चा संघ द्वारा प्रभावी तरीके से निरंतर शासन का घ्यान आकर्षित करते हुए विभिन्न ज्ञापनों के माध्यम से विभागीय मंत्री, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास विभाग एवं आयुक्त को अनेक बार ज्ञापन दिये गये। लंबित मांगों यथा वेतन विसंगति, ग्रेड-पे, टाईम स्केल, पदोन्नति, संविदा पर्यवेक्षकों का नियमितीकरण, विकासख्ंाड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के पद से प्रभारी शब्द हटाकर परियोजना अधिकारी पद पर मर्ज करने सहित विभिन्न मांगों के लिए संघर्षरत रहते हुए शासन को शांतिपूर्ण ढंग से विभिन्न अवसरों पर लिखित अवगत कराया। उक्त मांगों के संबंध में अनेकों बार ज्ञापन दिये गये।
विभागीय अधिकारियों को भी बैठक के माध्यम से लिखित एवं मौखिक रूप से अनेकों बार अवगत कराया गया किन्तु विभाग द्वारा लगातार उपेक्षा किये जाने, मांगों का समाधानकारक हल न किये जाने, गंभीरतापूर्वक विचार न करने, कोई निश्चित समयसीमा में समाधान न किये जाने, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन, मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त मोर्चा को मिलने का समय न दिये जाने से प्रथम दृष्टया निरंतर उपेक्षित व्यवहार किये जाने से बहुत ज्यादा असंतोष है। मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न कर्मचारी संघ की मांगों के निराकरण हेतु गठित शिव चौबे अध्यक्ष सामान्य वर्ग आयोग कैबिनेट मंत्री दर्जा, सुल्तान सिंह शेखावत, अध्यक्ष असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल एवं मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा को भी संयुक्त मोर्चा द्वारा अनेकों बार लिखित एवं मौखिक रूप से अपनी मांगों के संबंध में अवगत कराया गया। जबकि आश्वासन पर ही दिनांक २१ व २५ मार्च 2022 के दौरान संयुक्त मार्चा ने अपनी सामूहिक हडताल स्थगित की थी किन्तु उसके बाद आज दिनंाक तक कोई निराकरण नहीं हुआ न ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कराई गई। मांगों के संबंध में समाधानकारक हल नहीं निकाले जाने व आज दिनांक तक कोई ठोस कदम न लिये जाने से व्यथित होकर संयुक्त मोर्चा संघ ने यह निर्णय लिया है कि हम सभी दिनांक 15 मार्च 2023 से समुचित हल न मिलने तक सामूहिक अवकाश पर रहेगेंं। समस्त परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों ने 15 मार्च से सामूहिक अवकाश पर जाने की सूचना जिला प्रशासन को भी दी है।