प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी
सूरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी
डिजिटल डेस्क, सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा आज विजयादशमी को एक पुण्य कार्य का शुभारंभ हो रहा है। मैं आप सभी को और पूरे देश को विजयादशमी की हार्दिक बधाई देता हूं। भगवान राम के अनुसरण का अर्थ है- मानवता का और ज्ञान का अनुसरण। इसलिए गुजरात की धरती से बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी। मुझे खुशी है कि गुजरात के लोग उन मूल्यों को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं। सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आज की गई ये पहल भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है।
पीएम मोदी ने कहा, सरदार साहब ने कहा था- "जाति और पंथ को हमें रुकावट नहीं बनने देना है। हम सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए, परस्पर स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए। हम खुद इसके साक्षी हैं कि सरदार साहब की इन भावनाओं को गुजरात ने किस तरह हमेशा मजबूती दी है। राष्ट्र प्रथम सरदार साहब की संतानों का जीवन मंत्र है। भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक।
पीएम मोदी ने कहा, आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान, करमसद-बाकरोल और आनंद के बीच में पड़ता है। इस स्थान को इसलिए विकसित किया गया था ताकि शिक्षा का प्रसार किया जा सके, गांव के विकास से जुड़े कामों में तेजी लाई जा सके। आप सब के आशीर्वाद से मुझ जैसे अत्यंत सामान्य व्यक्ति को, जिसका कोई पारिवारिक या राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था, जिसके पास जातिवादी राजनीति का कोई आधार नहीं था। ऐसे मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आपने आशीर्वाद देकर 2001 में गुजरात की सेवा का मौका दिया था।
पीएम मोदी ने कहा, आपके आशीर्वाद की ताकत इतनी बड़ी है कि आज 20 वर्ष से ज्यादा का समय हो गया फिर भी अखंड रूप से पहले गुजरात की और आज पूरे देश की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का सामर्थ्य क्या होता है ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है।एक समय गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी। उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ा।
पीएम मोदी ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है। अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है। देश अपने पारंपरिक स्किल्स को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है। कोरोना के कठिन समय के बाद हमारी अर्थव्यवस्था ने जितनी तेजी से वापसी की है, उससे पूरा विश्व भारत को लेकर आशा से भरा हुआ है। अभी हाल में एक विश्व संस्था ने भी कहा है कि भारत फिर दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।हमारी नई पीढ़ी देश और समाज के लिए जीना सीखे, इसकी प्रेरणा भी आपके प्रयासों का अहम हिस्सा होना चाहिए।सेवा से सिद्धि के मंत्र पर चलते हुए हम गुजरात और देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे।