बगैर कोरोना टीका वालों को लोकल ट्रेन में यात्रा की परमिशन न मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका
राज्य सरकार को चुनौती बगैर कोरोना टीका वालों को लोकल ट्रेन में यात्रा की परमिशन न मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोनारोधी दोनों टीका लगवाने वाले को लोकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति देने को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी परिपत्र को बांबे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मेडिकल कंसलटेंट योहान टेंगरा ने इस विषय में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका दावा किया गया है कि टीका न लगानेवाले को ट्रेन से यात्रा की अनुमति न देना मनमानी व भेदभावपूर्ण है। राज्य सरकार का यह परिपत्र संविधान के अनुच्छेद14,19 व 21 के खिलाफ हैऔर केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के विपरीत है।याचिका के मुताबिक राज्य सरकार ने 10 व 11 अगस्त 2021 को परिपत्र जारी कर कोरोनारोधी दोनों टीका लगवा चुके लोगों को दूसरा टीका लगवाने के 14 दिन बाद लोकल ट्रेन से यात्रा की इजाजत दी है। जिन्होंने दोनों टीका नहीं लगवाया है उनके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा के मार्फत दायर की गई याचिका में इस परिपत्र को चुनौती दी गई है। याचिका में दावा किया गया है कि यह परिपत्र इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ है। दिशा-निदर्शों के मुताबिक टीका लगवाना ऐच्छिक है न की अनिवार्य। याचिका में दावा किया गया है कि टीका लगवाने वाले और नहीं लगवानेवालों के बीच भेदभाव नहीं किया जा सकता है। क्योंकि दोनों कोरोना को फैला सकते हैं। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को अपने परिपत्र को संशोधित कर बगैर टीका वालों को भी लोकल ट्रेन से अनुमति देने का निर्देश दिया जाए। गौरतलब है कि इसी विषय को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मिठीबोरवाला ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर दो याचिकाएं दायर हो चुकी है। जिन पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है।