8 को पेंशन वरिष्ठता महाकुंभ उज्जैन में

मध्य प्रदेश 8 को पेंशन वरिष्ठता महाकुंभ उज्जैन में

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-07 10:38 GMT
8 को पेंशन वरिष्ठता महाकुंभ उज्जैन में

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए राज्य स्तर पर आंदोलन चल रहे हैं। पिछले कुछ समय में कुछ राज्यों ने लागू किया है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में भी पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी लामबंद्ध हो रहे हैं। 

बता दें कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर नेशनल मुवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस इंडिया) संघर्षरत है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष  विजय कुमार बंधु और मध्यप्रदेश के प्रांताध्यक्ष परमानन्द डेहरिया ने प्रदेश में कार्यरत समस्त राज्य शासन और केन्द्रीय कर्मचारियों से आव्हान किया है कि वरिष्ठता पेंशन महाकुंभ उज्जैन में सहभागिता निभाने का आग्रह किया है। 

एच एन नरवरिया राज्य मीडिया प्रभारी एनएमओपीएस ने बताया कि उज्जैन में आयोजित होने वाले वरिष्ठता / पेंशन महाकुंभ में प्रदेश के कोने कोने से लगभग एनपीएस प्राप्त 25 हजार शिक्षक अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगे।

नरवरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में आता है जिनको सेवानिवृत्ति के बाद बहुत कम राशि पेंशन के नाम पर प्राप्त हो रही है जिसको लेकर प्रदेश का कर्मचारी आक्रोशित हैं और मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियमों के अनुसार पेंशन बहाली के लिए लामबंद हो चुका है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कर्मचारियों से आव्हान करते हुए कहा है कि नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में कर्मचारियों को शामिल करते समय झुठे सपने दिखाए गये थे। जब कर्मचारी बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त हो रहा है तो हकीकत सामने आ रही है। कर्मचारियों को दिखाए गये सपने चकनाचूर हो ग्रे है। सेवानिवृत्त पश्चात पेंशन के नाम पर अत्यधिक कम राशि 500, 800, 1500 प्राप्त हो रही है। जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारी का जीवन यापन संभव नहीं। यह पेंशन राशि बुढ़ापे का अपमान करती प्रतीत हो रही है।

नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत मिलने वाली राशि अनेक अवसरों पर वृद्धावस्था पेंशन से भी कम मिल रही है। जबकि सर्वविदित है कि सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारी की शारीरिक क्षमता कम हो जाती हैं। वह उपार्जन की स्थिति में नहीं रहता और वृद्धावस्था सम्बन्धि अनेक बिमारियों का शिकार हो जाता है तथा उसे वृद्धावस्था में अनेक पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करना होता है जिसके लिए पर्याप्त धनराशि की जरूरत होती है। लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम में पेंशन राशि बहुत कम मिलने से वह सफलता और सम्मान पूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाता है और अपमान जनक जीवन जीने के लिए बाध्य हो रहा है। अत: केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने कर्मचारी हित में संज्ञान लेकर अविलंब पुरानी पेंशन बहाल करना चाहिए।

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