परिवार नियोजन में पुरूषों की सहभागिता बढ़ी, नसबंदी में छत्तीसगढ़ पिछले पांच वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर
छत्तीसगढ़ परिवार नियोजन में पुरूषों की सहभागिता बढ़ी, नसबंदी में छत्तीसगढ़ पिछले पांच वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर
- पुरूष नसबंदी पखवाड़ा
डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरूषों की सहभागिता लगातार बढ़ रही है। पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान नसबंदी में छत्तीसगढ़ पिछले पांच वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है। भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्य में चल रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम की सराहना की है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए हर वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में प्रदेशव्यापी पुरूष नसबंदी पखवाड़ा आयोजित किया जाता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. सत्यार्थी ने बताया कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान 4905 पुरूषों ने नसबंदी कराई है। पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान वर्ष 2017-18 में 966, वर्ष 2018-19 में 727, वर्ष 2019-20 में 1695, वर्ष 2020-21 में 168 और वर्ष 2021-22 में 1349 पुरूषों ने नसबंदी कराई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने प्रति वर्ष प्रदेशव्यापी पुरूष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाता है।
दो चरणों मे आयोजित यह पखवाड़ा पहले चरण में मोबिलाइजेशन सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इसमें जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने और राज्य में एनएसवीटी कार्यक्रम को सुचारू ढंग से संचालित कर नसबंदी के लिये पुरूषों को जागरूक किया जाता है। इस दौरान “मोर मितान मोर संगवारी” की थीम पर ग्राम स्तर पर आयोजित गोष्ठियों में पुरूषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुरुष नसबंदी हितग्राहियों को तीन हजार रूपए एवं प्रेरक को 400 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रदेश में नसबंदी सेवाएं सभी मेडिकल कालेजों, ज़िला अस्पतालों एवं चिन्हांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध है।
परिवार कल्याण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण एवं जन्म अंतराल के माध्यम से स्वस्थ जच्चा-बच्चा की अवधारणा को मूर्त रूप देना है। भारत सरकार के सहयोग से राज्य में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत परिवार नियोजन इन्डेमिनिटी स्कीम (FPIS) संचालित किया जा रहा है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत परिवार नियोजन की स्थायी विधियों के लिए पुरूष एवं महिला नसबंदी सेवाएं जिला अस्पतालों एवं निर्धारित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है।
बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए अस्थायी साधन जैसे पीपीआईयूसीडी, पीएआईयूसीडी, आईयूसीडी, ओरल पिल्स जैसे माला-एन, छाया, कंडोम, इन्जेक्टेबल अंतरा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा लक्षित दम्पतियों को उनकी आवश्यकतानुसार परिवार कल्याण के स्थायी एवं अस्थायी साधनों से लाभान्वित करने के लिए वर्ष में दो बार पखवाड़ा आयोजित किया जाता है। जून-जुलाई में परिवार नियोजन के सभी साधनों की उपलब्धता व उपयोगिता बढ़ाने के लिए जनसंख्या स्थिरीकरण माह भी मनाया जाता है। पुरूष नसबंदी को बढ़ावा देने हर वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में पुरूष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन होता है।