चतुर्थ चित्र भारती फिल्मोत्सव में पनही की अदाकारा अवंतिका पांडेय बनी बेस्ट फीमेल एक्टर
मध्यप्रदेश चतुर्थ चित्र भारती फिल्मोत्सव में पनही की अदाकारा अवंतिका पांडेय बनी बेस्ट फीमेल एक्टर
- वोकल फ़ॉर लोकल की अवधारणा पर आधारित एक हाशिए के परिवार पर आधारित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। चतुर्थ चित्र भारती फिल्मोत्सव का आज भव्य समापन और पुरुस्कार वितरण समारोह रविंद्र भवन में सपन्न हुआ। इस अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित फ़िल्म पनही की सर्वश्रेष्ठ महिला अभिनेत्री का पुरस्कार अवंतिका पांडेय को पल्लवी जोशी और रंजना यादव ने कैंपस नॉन प्रोफेशनल के अंर्तगत पुरुष्कृत किया गया। पनही एक भोजपुरी शब्द हैं जिसका अर्थ जूता होता। इस फ़िल्म की अदाकारा अवंतिका पांडेय वर्तमान में विश्वविद्यालय की एम.एस.सी. इलेक्ट्रानिक मीडिया चतुर्थ सेमेस्टर की विद्यार्थी हैं। पनही फ़िल्म प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट वोकल फ़ॉर लोकल की अवधारणा पर आधारित एक हाशिए के परिवार का आख्यान हैं। इसमें एक जूते बनाने वाले व्यक्ति हीरा की कहानी है। यह फ़िल्म डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आम जनों को जोड़ने का एक सरल प्रयास हैं। यह फ़िल्म टेक्नोलॉजी के माध्यम एक छोटी सी मोची की दुकान चलाने वाला व्यक्ति को एक ब्रांड के रूप में उभरते परिदृश्य को रेखांकित करती है। इस फ़िल्म का गाना वोकल फ़ॉर लोकल बहुत ही चर्चित हुआ है। जिसे फ़िल्म प्रदर्शन के दौरान दर्शको ने बहुत सरहाया।
इस फ़िल्म में विश्वविद्यालय के एम.एस.सी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विद्यार्थी विकास कुमार डायरेक्टर, ऋत्विक दास प्रोड्यूसर और म्यूजिक डायरेक्टर, ग्राफिक्स सहायक प्राध्यापक राहुल मैन्युअल खड़िया का और मुख्य अदाकारा शिखा विश्वकर्मा हैं। इस अवसर में कैम्पस फ़िल्म कैटेगरी में विश्वविद्यालय के एम एस सी फ़िल्म प्रोडक्शन के विद्यार्थी सुशोभित मिश्रा ने द्वितीय पुरुस्कार प्राप्त किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा निर्मित डॉक्यू ड्रामा फ़िल्म पुष्प की अभिलाषा को भी प्रशंसा प्राप्त हुई। इसके डायरेक्टर राहुल मैन्युअल खड़िया हैं। इसकी पार्श्वभूमि और पटकथा लेखन विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव विवेक सावरिकर ने कलमबद्ध किया हैं। इसके एक्सक्यूटिव प्रोड्यूसर लेफ्टिनेंट मुकेश कुमार चौरासे हैं। इस फ़िल्म को अपने आवाज़ से वॉइस ओवर आर्टिस्ट डॉक्टर अरुण खोबरे ने सावारा हैं।
विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग से चतुर्थ चित्र भारती फ़िल्मोत्सव हेतु छब्बीस फिल्मों को सहभागिता हेतु भेजा गया था। जिसमें से पांच फिल्मों का चयन प्रदर्शन हेतु हुआ है। इसमें एक फ़िल्म गौधन हैं। इसके डायरेक्टर एम एस सी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विद्यार्थी विक्की उत्कर्ष साह हैं। दूसरी फ़िल्म बी.एस.सी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चतुर्थ सेमेस्टर की विद्यार्थी जिया जय सिंह की फ़िल्म रिडूसिंग कार्बन फ़ूट प्रिंट और विश्वविद्यालय के प्रोड्यूसर मनोज पटेल की फ़िल्म कश्मीर हैं।जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया। इस अवसर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के जी सुरेश, विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर श्रीकांत सिंह और एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर संजीव गुप्ता के साथ नवोदित पत्रकार आनंद जोनवार और राजा वर्मा ने सभी सहभागी विद्यार्थियों को बधाई प्रेषित की ।