गोविंदा कंपनी को किस आधार पर दिया मनुष्यबल का ठेका?
अमरावती गोविंदा कंपनी को किस आधार पर दिया मनुष्यबल का ठेका?
डिजिटल डेस्क, अमरावती । मनपा के विविध विभागों में 350 कर्मचारी आपूर्ति के ठेके को लेकर मनपा प्रशासन फिर एक बार विवादों में घिर गया है। मामले में इससे पूर्व हाई कोर्ट ने मनपा को कर्मचारी आपूर्ति के लिए प्राप्त निविदा का मूल्यांकन कर उचित निविदा धारक को ठेका देने के निर्देश दिए थे। किंतु मनपा प्रशासन ने गोविंदा कंपनी को कर्मचारी आपूर्ति का ठेका देने का निर्णय लेकर कार्यारंभ आदेश दे दिया था। जिससे ईटकॉन कंपनी और जानकी सुशिक्षित बेरोजगार संस्था ने मनपा के निर्णय को फिर एक बार नागपुर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति रोहित देव व न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी याचिका स्वीकार कर मनपा व गोविंदा कंपनी दोनों को नोटिस देकर 7 जून तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए। जानकारी के अनुसार पिछले कई समय से 28 करोड़ के 351 मनुष्यबल कर्मचारी के ठेके को लेकर अमरावती मनपा में विवाद चल रहा है।
मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग ने 6 माह पहले नियमों का उल्लंघन कर ठेका अमरावती नागरी सहकारी सेवा संस्था को 10 नवंबर 2022 को दिया था। इस निर्णय के विरोध में जानकी सेवा सहकारी संस्था ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले पर न्यायालय का फैसला अपने विरोध में आएगा यह स्पष्ट होते ही मनपा ने हाई कोर्ट में लिखित माफीनामा देकर पात्र निविदा धारक को निविदा देने की बात कही थी। मनपा ने न्यायालय में 7 निविदाधारक को अपात्र बताया था। वहीं, दूसरी ओर अपात्रों की सूची में शामिल गाेविंदा साफ-सफाई संस्था को फिर 21 अप्रैल 2023 को ठेका देने का निर्णय लेते हुए कार्यारंभ आदेश भी जारी किया। जिससे न्यायालय के आदेशों की अवमानना हाेने से जानकी सहकारी सेवा संस्था व ईटकॉन कंपनी ने अपने वकील एड. परवेज मिर्जा के माध्यम से फिर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर न्यायालय को ग्रीष्मकालीन छुटि्टयां लगने से एक दिन पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने मनपा और गोविंदा कंपनी को नोटिस देकर 7 जून तक जवाब पेश करने के आदेश दिए है।