अब सरकारी कार्यालयों में तंबाकू, खर्रा खाने वालों की खैर नहीं
होगी सख्त कार्रवाई अब सरकारी कार्यालयों में तंबाकू, खर्रा खाने वालों की खैर नहीं
डिजिटल डेस्क, कोरची (गड़चिरोली)। सरकार ने सुगंधित तंबाकू पर प्रतिबंध लगाया है। बावजूद इसके जिले में तंबाकू की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। पूर्वी विदर्भ में तंबाकू से बनने वाले खर्रे से गड़चिरोली जिले में कैन्सर बढ़ता जा रहा है। छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग भी इस सुगंधित तंबाकू की लत से जकड़ गये हैं। इतना ही नहीं सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों समेत कर्मचारियों को भी यह लत है। लगातार जनजागरण करने के बाद भी कर्मचारियों द्वारा तंबाकू और खर्रे का सेवन बंद नहीं किया जा रहा है। इसी कारण बुधवार को यहां के तहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार गजभिये की अध्यक्षता में विशेष बैठक का आयोजन कर सरकारी कार्यालयों को तंबाकूमुक्त बनाने का फैसला लिया गया है। इसके बाद यदि कोई कर्मचारी कार्यालय में खर्रा खाते हुए पाया गया तो उसे जुर्माना अदा करना पड़ेगा। इसके लिए कार्यालय में नोडल अधिकारी को नियुक्त करने का फैसला भी बैठक के दौरान लिया गया।
बता दें कि, कोरची तहसील छत्तीसगढ़ राज्य से सटी हुई है। छग राज्य से इन दिनों सुगंधित तंबाकू समेत गुटखा की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। कोरची समेत तहसील के गांवों में पानठेलों और किराना दुकानों से इसकी बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। इसी मौके का लाभ उठाकर सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी अौर कर्मचारी भी तंबाकू, गुटखा और खर्रा का सेवन कर रहे हैं। सरकार ने वर्ष 2003 में कोटपा कानून गठित कर सार्वजनिक स्थान पर सुगंधित तंबाकू का सेवन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान किया है। बावजूद इसके जिले के सरकारी कार्यालय तंबाकूमुक्त बन नहीं पाए हैं। इसी कारण कोरची तहसील प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए सभी सरकारी कार्यालयों को तंबाकूमुक्त बनाने कमर कस ली है। तहसील की 14 ग्राम पंचायतों में शराब बंदी और तंबाकूमुक्त समितियों का गठन किया गया है। शेष ग्रापं में तत्काल समितियों के गठन का प्रस्ताव इस समय पारित किया गया। साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा गांव-गांव में जनजागरण रैलियां निकालने का निर्णय भी इस समय लिया गया। बैठक में नायब तहसीलदार गजभिये के साथ नगर पंचायत के प्रशासकीय अधिकारी हाक्के, पुलिस उपनिरीक्षक रवि मनोहर, शिक्षा विभाग के वाघमारे, संवर्ग विकास अधिकारी एच. के. दोडके, इजामसाय काटेंगे, सामाजिक कार्यकर्ता आशीष अग्रवाल, वन परिक्षेत्र अधिकारी एल. एम. ठाकरे, वनपाल एस. एन. राठौड, मुक्तिपथ की तहसील संगठक नीला किन्नाके, जसविंदर शहारे आदि उपस्थित थे।