अब बोले गौरीभाऊ... छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़, यहां से चुनाव लडऩा कोई बच्चों का खेल नहीं
छिंदवाड़ा अब बोले गौरीभाऊ... छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़, यहां से चुनाव लडऩा कोई बच्चों का खेल नहीं
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। महाकौशल के कद्दावर भाजपा नेता और मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि यह भ्रम दूर कर लीजिए कि मैं छिंदवाड़ा से चुनाव लडऩा चाहता हूं। पहले मैंने कहा था कि मेरी पार्टी जहां से चुनाव लडऩे कहेगी, मैं वहां से चुनाव लडूृंगा, नहीं कहेगी तो नहीं लडूंगा। छिंदवाड़ा से चुनाव लडऩे के लिए पार्टी कहेगी तो सातों विधानसभा के बीजेपी नेता और पूरी पार्टी एक मतेन एक नाम राज्य और केंद्र की समिति को भेजेगी तो ही चुनाव लडूंगा। श्री बिसेन ने कहा कि छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है, यह कोई बच्चों का खेल नहीं है। गुरुवार को श्री बिसेन ने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता कर यह बातें कहीं। चुनावी वर्ष में श्री बिसेन की छिंदवाड़ा में यह तीसरी प्रेस कांफ्रेंस थी। जनवरी में पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कलेक्टर शीतला पटले पर तल्ख अंदाज में नाराजगी जाहिर की थी। दूसरी बार मीडिया से चर्चा में उन्होंने पार्टी के कहे जाने पर यहां से लोकसभा चुनाव लडऩे की मंशा जाहिर की थी। जबकि गुरुवार को मीडिया से चर्चा में उन्होंने यहां के नेताओं के एकमत होकर उन्हें चुनाव लड़ाने का कहने पर चुनाव मैदान में उतरने की बात कही है। उनके द्वारा छिंदवाड़ा को कांग्रेस का गढ़ कहे जाने की जिले के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हो रही है।
ऐसे समझें...बिसेन की छिंदवाड़ा में सक्रियता:
१. सातों विधानसभा के दौरे कर चुके बिसेन:
पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष व बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। पहले जनसेवा शिविरों के दौरान वे चौरई, चांद, बिछुआ, सौंसर और मोहखेड़ पहुंचे थे। इसके बाद अमरवाड़ा के हर्रई और अमरवाड़ा का दौरा किया था। इन दौरों के बाद ही समस्याओं को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की थी। जबकि ७ को पांढुर्ऩा और ८ जनवरी को परासिया क्षेत्र में पहुंचे। वे जुन्नारदेव का पहले ही दौरा कर चुके हैं।
२. आधा दर्जन से ज्यादा निकायों में प्रचार किया:
पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने नगरीय निकाय चुनाव के दौरान प्रचार की कमान भी संभाल रखी थी। वे पांढुर्ना, सौंसर, जुन्नारदेव, दमुआ, अमरवाड़ा, चौरई, चांद और बिछुआ पहुंचे थे। इनमें पांढुर्ना छोड़ सभी जगह भाजपा जीतकर आई। परिषदों के गठन के बाद भी श्री बिसेन निकायों के कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री बिसेन खुद कहते हैं कि जहां-जहां वे गए वहां पार्टी को सफलता मिली है।