ओला, उबेर टैक्सी चालकों की समस्या को लेकर 7 को नोटिस
लोकसेवा अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान ओला, उबेर टैक्सी चालकों की समस्या को लेकर 7 को नोटिस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ओला, उबेर टैक्सी चालकों को होने वाली परेशानी को लेकर विदर्भ एप बेस्ड टैक्सी यूनियन की ओर से राज्य लोकसेवा अधिकार आयोग के पास शिकायत की गई थी। संज्ञान लेते हुए आयुक्त ने 26 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन महाराष्ट्र शासन, विभागीय आयुक्त, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस उपायुक्त (यातायात,) एएनआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बंगलुरु, उबेर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली सहित सात प्रतिनिधियों को नोटिस जारी किया है।
शिकायत दरकिनार : शहर के हजारों एप बेस्ड आधारित टैक्सी चालकों का ओला उबेर कंपनी और परिवहन विभाग द्वारा लगातार किए जा रहे शोषण के खिलाफ टैक्सी चालकों के संगठन के सदस्यों ने बार बार शिकायत करने के बाद भी दरकिनार किया जा रहा था। ऐसे में दोषियों की शिकायत राज्य लोकसेवा अधिकार आयोग के पास की गई थी। यूनियन की जायज मांगों पर संज्ञान लेते हुए राज्य लोकसेवा अधिकार आयुक्त ने 26 अप्रैल को उक्त सात विभाग को नोटिस भेजा है। पिछले कुछ वर्षों से शहर के हजारों ओला उबर टैक्सी चालक कंपनी के शोषण और परिवहन विभाग की गलत नीतियों से प्रताड़ित हो रहे हैं।
इस कारण भविष्य की चिंता : एप बेस्ड एग्रीगेटर टैक्सी कंपनियों ने देश के लाखों बेरोजगार टैक्सी चालकों को टैक्सी व्यवसाय में भारी भरकम मुनाफे का लालच दिखाकर कंपनी में टैक्सी पार्टनर्स का दर्जा देकर अपने व्यवसाय में शामिल किया था। लाखों बेरोजगार टैक्सी चालकों ने अपने घर बार बेचकर, साहूकारों, सरकारी और निजी बैंकों, फायनेंस कंपनियों से कर्जा लेकर कंपनियों के नियम और शर्तों के अनुसार नई टैक्सियां खरीदकर इस व्यवसाय में लगाई थी। कुछ ही वर्षों में कंपनी की ओर से टैक्सी पार्टनर्स से सेवाओं पर आनन-फानन शुल्क वसूली करके मुनाफा कम कर दिया। पिक अप सेवाओं पर चार्जेस न देना, एसी उपयोग के अतिरिक्त चार्जेस न देना, पीड़ित टैक्सी चालकों की शिकायतों का निवारण न करके यात्रियों की ही शिकायतों को प्राथमिकता देकर सजा के तौर पर सेवा से निलंबित करने जैसी कार्यवाही की जा रही हैं। कंपनी और सरकार की ओर से टैक्सी पार्टनर्स और उनके परिवार के लिए किसी भी प्रकार की सुरक्षा, संरक्षण, सुविधा न मिलने से देश के लाखों टैक्सी चालकों का भविष्य इन निजी एप बेस्ड एग्रीगेटर कंपनियों के व्यवसाय में दांव पर लगा हुआ हैं।
चालान का हमेशा खतरा : ट्रैफिक पुलिस के चालान खतरा हमेशा सिर पर मंडराता है। नियम और कड़ी शर्तों को लादकर भारी भरकम जुर्माना, सेवा शुल्क वसूली करके आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। इन प्रताड़नाओं से तंग आकर टैक्सी चालकों के संगठन विदर्भ एप बेस्ड टैक्सी युनियन के सदस्य दीपक साने ने मंगलवार 20 अप्रैल को राज्य लोकसेवा अधिकार आयुक्त अभय यावलकर के पास लिखित रूप में शिकायत की थी।