कर्मचारी आपूर्ति ठेके को लेकर फिर विवादों में मनपा
अधिकारियों ने छिपाई जानकारी कर्मचारी आपूर्ति ठेके को लेकर फिर विवादों में मनपा
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मनपा के विविध विभागों मेंं कर्मचारी आपूर्ति के ठेके के मामले में मनपा ने फिर एक बार विवाद खड़ा हो गया। मनपा ने कर्मचारी आपूर्ति ठेके की वर्क ऑर्डर शुक्रवार 21 अप्रैल को ही गोविंदा संस्था को ही दे दिया था किंतु मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर अमरावती में नहीं रहने से सोमवार 24 अप्रैल तक ठेका देने की बात सामान्य प्रशासन विभाग ने गोपनीय रखी। मनपा ने जीईएम पोर्टल के नियमों का उल्लंघन कर गोविंदा संस्था को वर्क ऑर्डर देने का आरोप जानकी सुशिक्षित बेरोजगार सेवा सहकारी संस्था ने किया है। साथ ही एक बार फिर हाईकोर्ट के ध्यान में लाकर मनपा पर न्यायालय की अवमानना का दावा करने वाले हैं।
इससे पूर्व मनपा ने जीईएम पोर्टल पर मनपा के विविध विभागाें मेंं कर्मचारी आपूर्ति के लिए निविदा निकाली थी और पोर्टल के नियमों पर अनदेखी कर अमरावती सुशिक्षित बेरोजगार सहकारी संस्था को वर्क ऑर्डर देने के कारण स्थानीय जानकी सुशिक्षित बेरोजगार संस्था ने मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। वहां फैसले के समय मनपा ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए न्यायालय से माफी मांग ली थी। जिससे न्यायालय ने गलती सुधारने का निर्णय लिया। बावजूद इसके कर्मचारी आपूर्ति के लिए प्राप्त कुल 10 निविदा में से अपात्र साबित होनेवाली गोविंदा संस्था को कर्मचारी आपूर्ति का ठेका देने का निर्णय लेकर 21 अप्रैल को ही मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग ने उसे वर्क ऑर्डर दिया था। उस समय स्वच्छता के मामले में मनपा को राज्य सरकार की ओर से घोषित पुरस्कार का स्वीकार करने निगमायुक्त मुंबई दौरे पर थे। जिससे मनपा ने गोविंदा को वर्क ऑर्डर देने की बात गोपनीय रखी और 24 अप्रैल को निगमायुक्त डॉ. आष्टीकर ने निर्णय लेने की बात कही। सोमवार को निगमायुक्त ने बताया कि 21 अप्रैल को ही गोविंदा संस्था को वर्क ऑर्डर दे दिया था। इससे पूर्व में न्यायालय में याचिका दायर करनेवाले जानकी संस्था ने फिर एक बार न्यायालय में जाकर मनपा पर न्यायालय के आदेश की अवमानना करने का दावा ठोकने का निर्णय किया है।