एनएचआरसी ने नेत्र आघात के शिकार लोगों का उचित उपचार और पुनर्वास सुनिश्चित करने राज्यों को जारी की परामर्शी
पहल एनएचआरसी ने नेत्र आघात के शिकार लोगों का उचित उपचार और पुनर्वास सुनिश्चित करने राज्यों को जारी की परामर्शी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नेत्र आघात के प्रभाव को रोकने, कम करने और इसके शिकार लोगों का उचित मानकीकृत उपचार और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्शी जारी की है।
आयोग ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं, जिसमें विशेष रूप से उन उद्योगों के मालिकों के लिए जो न्यूनतम 50 कामगारों को नियोजित करते हैं, उनके द्वारा नियोजित प्रत्येक श्रमिक के लिए न्यूनतम 15 लाख रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना कवर खरीदना अनिवार्य बनाने के साथ नेत्र आघात के पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष कोष की स्थापना आदि शामिल है।
एनएचआरसी ने परामर्शी में राज्यों को कार्रवाई के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान करने को कहा है। इनमें ओकुलर ट्रॉमा पर एक डेटाबेस का निर्माण, नेत्र आघात की रोकथाम और न्यूनतमकरण, नेत्र आघात का उपचार, एकीकृत ऑप्थेल्मिक ट्रॉमा इकाइयों का विकास और नेत्र आघात के पीडितों का पुनर्वास शामिल है। आयोग ने पाया है कि नेत्र आघात के प्रमुख कारण सड़क दुर्घटनाएं (34 फीसदी), खेल (29 फीसदी) और व्यवसाय (21 फीसदी) हैं।