समाज को 'फेक' और 'हेट' न्यूज से बचाने की जरुरत: प्रो. द्विवेदी

उत्तर प्रदेश समाज को 'फेक' और 'हेट' न्यूज से बचाने की जरुरत: प्रो. द्विवेदी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-23 18:06 GMT
समाज को 'फेक' और 'हेट' न्यूज से बचाने की जरुरत: प्रो. द्विवेदी

डिजिटल डेस्क, गाजियाबाद। भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा है कि समाज को फेक न्यूज और हेट न्यूज से बचाने की जरुरत है और इसका मूलमंत्र है, "बुरा मत टाइप करो, बुरा मत लाइक करो और बुरा मत शेयर करो।" उन्होंने कहा कि खबरों और विचारों में मिलावट रोकने के लिए मूल्य आधारित पत्रकारिता की आवश्यकता है। प्रो. द्विवेदी मंगलवार को निस्कोर्ट मीडिया कॉलेज, गाजियाबाद और ब्रह्मकुमारी द्वारा "स्मार्ट मीडिया एवं आध्यात्मिक ज्ञान" विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. अदिति सिंघल, ब्रह्मकुमारी के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक बीके सुशांत एवं ब्रह्मकुमारी मोहन नगर, गाजियाबाद केंद्र की प्रभारी बीके लवली भी उपस्थित रही।  

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज यह आवश्यकता है कि हमारी पत्रकारिता समाज में व्याप्त समस्याओं के समाधान की और बढ़े। मीडिया का काम सिर्फ सवाल करना नहीं है, बल्कि समाज का संबल बनना भी है। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति सूचना दे रहा है, लेकिन समाचार देने का काम सिर्फ पत्रकार कर रहे हैं। आम जनता को ये पता ही नहीं है कि विज्ञापन क्या है और खबर क्या है। इसलिए समाज को मीडिया साक्षर बनाने की आवश्यकता है। 

आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार जब किसी सुनियोजित अभियान के तहत एक के बाद एक फेक न्यूज हमें भेजी जाती है, तो एक-दो बार अनदेखा करने के बाद हम उन्हें सच मानने लगते हैं और दूसरों को भी फॉरवर्ड कर इस अभियान को सफल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि खबरों को फॉरवर्ड करने का जो फैशन है, उस पर वेरिफिकेशन की संभावना होना जरूरी है।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि भारत की तरह दुनिया भर में कुछ वेबसाइट और अखबार फेक न्यूज की पड़ताल और फैक्ट चैक के लिए नियमित कोशिश करते रहते हैं। लेकिन फर्जी खबरों का उत्पादन जिस बड़े स्तर पर हो रहा है, खंडन की उनकी क्षमताएं उसके सामने छोटी पड़ जाती हैं। इसलिए फेक न्यूज को लेकर डिजिटल सत्याग्रह की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सफलता उसकी पत्रकारिता पर निर्भर करती है। कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी भूमिका से मीडिया ने ये साबित किया है कि उसे यूं ही लोकतंत्र का चौथा स्तंभ नहीं कहा जाता।

कार्यक्रम का संचालन निस्कोर्ट मीडिया कॉलेज की रजिस्ट्रार एसआर मिशेल मैथियास ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. ऋतु दुबे तिवारी ने दिया। सेमिनार में कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया।

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