भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
सिमरिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
डिजिटल डेस्क सिमरिया नि.प्र.। शासन-प्रशासन द्वारा कोई भी योजना चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक अथवा धार्मिक हो जब प्रारंभ की जाती है तो सर्वप्रथम उसका उद्देश्य यही होता है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक उस योजना का लाभ पहुंचे व उसकी सहभागिता उस योजना में हो सके। आम नागरिकों को इस योजना का लाभ मिल सके इसी उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन द्वारा विगत वर्षों में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। जिसका प्रथम उद्देश्य यह था कि समाज के ऐसे व्यक्ति जो आर्थिक परेशानी या अन्य किसी कारण से तीर्थ दर्शन हेतु नहीं जा सकते हैं उनको शासन द्वारा तीर्थ दर्शन कराया जाएगा तथा इसका पूरा खर्च मध्यप्रदेश शासन उठाएगी। इसका परिणाम उलट ही निकला यह योजना भी भ्रष्टाचार व भाई भतीजावाद का शिकार हो गई क्योंकि इस योजना को क्रियान्वित करने वाले ही अपने चाहेते रिश्तेदारों व स्वयं के परिवार वालों को नियमों की धज्ज्यिां उडाते हुए फायदा पहुंचाते हैं तथा अपनों को ही पूरा लाभ दिला देते हैं।
ऐसा ही मामला पन्ना जिले की सिमरिया तहसील का है जहां पर एक ही परिवार व समाज के अधिकांश लोगों को आगामी 24 जनवरी से प्रारंभ होने वाली मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना जो द्वारकाधीश जी की यात्रा पर जाने हेतु प्रस्तावित है। तीर्थ दर्शन यात्रा हेतु विभिन्न ग्रामों से लोगों द्वारा आवेदन किए गए थे परंतु एक ही ग्राम मोहंद्रा एवं एक ही समाज के अधिकांश लोगों को योजना का लाभ दिया जाना और तो और इस यात्रा में जो शासन की गाइडलाइन है उस गाइडलाइन के अनुसार यात्रियों के साथ शासकीय कर्मचारियों की सहायक के तौर पर ड्यूटी लगाई जाती है उसमेंं भी यात्रा में शामिल लाभार्थी के परिवार के सदस्यों को ही नियुक्त कर दिया गया है जो इस योजना में हुई अनियमितताओं को उजागर करता है। योजना में शामिल होने हेतु आवेदन करने वाले लोगों का कहना है कि जब इस प्रकार एक ही परिवार समाज के सगे संबंधियों को यात्रा की अनुमति मिलनी थी तो आवेदन ही क्यों लिए गए। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को इस दिशा में सक्रियता से ध्यान देना चाहिए तथा देखना चाहिए कि तीर्थ दर्शन जैसी योजनाएं भी भ्रष्टाचार का शिकार ना बन जाए।