‘अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक सुन्नी इज्तिमा’ में देश-विदेश से आएंगे 150 से अधिक विद्वान

नागपुर ‘अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक सुन्नी इज्तिमा’ में देश-विदेश से आएंगे 150 से अधिक विद्वान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-20 07:46 GMT
‘अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक सुन्नी इज्तिमा’ में देश-विदेश से आएंगे 150 से अधिक विद्वान

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  विख्यात सूफी संत हजरत बाबा सैयद मुहम्मद ताजुद्दीन के 100वें सालाना उर्स पर मध्य भारत में पहली बार ‘अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक सुन्नी इज्तिमा’ का आयोजन 20 से 22 जनवरी तक ताजाबाद शरीफ के मेला मैदान में किया गया है। अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्या की ओर से आयोजित सम्मेलन में देश-विदेश के 150 से अधिक विद्वान शामिल होंगे। प्रमुख अतिथि के रूप में मदीना शरीफ से प्रख्यात सुन्नी इस्लामिक विद्वान हजरत शेख सैयद अबु जाफर लूयी अल मुअक्कर हफिजहुल्लाहु व रआहु साहब किबला तथा इराक स्थित बगदाद शरीफ से हजरत शेख सैयद अली अल हरबी अल बगदादी साहब किबला उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार, 20 जनवरी को विशेष रूप से महिलाओं के लिए आयोजित धार्मिक सम्मेलन से होगी। सुन्नी इज्तिमा का उद्देश्य मुस्लिम समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करना है। 20 हजार लोगों की बैठक क्षमता वाला 30 हजार वर्गफीट का विशाल डोम बनाया गया है, जिसमें ढाई हजार वर्गफीट का भव्य मंच होगा। 

35 आलिमाएं करेंगी संबोधित : पहले दिन महिलाओं का धार्मिक सम्मेलन दोपहर  2 बजे से रात 9 बजे तक होगा जिसमें देश की करीब 35 विख्यात मोहतरम आलिमाएं शामिल होंगी। अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्या के सचिव मुजतबा शरीफ खान के अनुसार पैगंबर साहब ने हर मर्द और औरत के लिए शिक्षा को अनिवार्य बताया है। इसलिए शिक्षा पर केंद्रित समाज में लड़कियों शिक्षा प्राप्त करें और इस्लामिक माहौल में ये जाने कि इस्लाम में शिक्षा का क्या महत्व है। एक शिक्षित महिला शिक्षित समाज को जन्म देती है। पैगंबर साहब ने कहा है कि बेटियां जन्नत की जमानत हैं। मां के पैरों में जन्न्त है। पैगंबर साहब ने 1400 साल पहले ही बाप की संपत्ति में बेटी का हिस्सा रखा है। इससे पता चलता है कि इस्लाम सभ्यता के साथ तरक्की की इजाजत देता है।    

देशभर से आएंगे अकीदतमंद : सम्मेलन में महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों से विशाल संख्या मे अकीदतमंदों के शामिल होने की आशा है। इसी लिहाज से सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। सुसज्जित विशाल डोम, वज़ुख़ाना, नमाज के इंतज़ामात, लंगर, न्याज़, इत्यादि का प्रबंध किया गया है। दीक्षांत समारोह :21 जनवरी को शाम 6 बजे अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्या से उच्च धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने वाले उत्तीर्ण विद्यार्थियों का दीक्षांत समारोह (दस्तार) भी होगा, जिसमें लगभग 11 मुफ्ती और 26 आलीम को उलेमा किराम के हाथों  उपाधि देकर सम्मानित किया जाएगा। एक साथ 11 मुफ़्तीयान की दस्तार होना एक एेतिहासिक उपलब्धि है।  इज्तिमा के दौरान हज़रत सैय्यद बाबा मुहम्मद ताजुद्दीन रहमतुल्लाहअलैह के जीवनी व उनके द्वारा समाज की भलाई तथा इस्लामी शिक्षा के तहत शांति और विकास कार्य के लिए दिए गए उपदेशों पर उलेमा दीनी व्याख्यान देंगे।

मुस्लिम बंधुओं के लिए 21 और 22 को सुबह फजर से रात 10 बजे तक दीनी तरबियती नशिस्त, महफ़िले ज़िक्रे इलाही, अंतर राष्ट्रीय नातख़्वां हज़रात द्वारा नातख़्वानी, अंतर राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त उलेमा किराम व मशाइख़ द्वारा तकरीर का नूरानी सिलसिला जारी रहेगा। रविवार को बोथली शरीफ़, वर्धा रोड, स्थित अल-जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्यह के शैक्षणिक सभागार में सुबह 11 बजे हजरत मुफ्ती मुजतबा शरीफ खान की अध्यक्षता में सेमिनार का आयोजन किया गया है जिसमें ऑल इंडिया मेमन जमात फेडरेशन के अध्यक्ष जनाब इकबाल मेमन ऑफिसर मुख्य अतिथि के रूप मे मौजूद रहेंगे। फलाह रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष हजरत डॉक्टर फ़ज़लुल्लाह चिश्ती साहब, नई दिल्ली प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे। हज़रत मौलाना फ़ैज़ अहमद मिस्बाही साहब सेमिनार का संचालन करेंगे। रविवार को ईशा की नमाज के बाद इज्तिमाई दुआ के साथ सम्मेलन का समापन होगा, जिसमें विशेषत: मुल्क की तरक्की के साथ विश्व शांति के लिए दुआ की जाएगी।  सम्मेलन के आयोजक अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्या के कार्यकारी कमेटी के सचिव मुफ्ती मुजतबा शरीफ खान व समस्त पदाधिकारियों ने अनुयायियों विशेष कर विद्यार्थियों से बड़ी संख्या में सुन्नी इज्तिमा में शामिल होने की अपील की है।
 

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