गड़चिरोली के किसानों के लिए वरदान साबित हाेगी "मातोश्री योजना'
किसान उठा रहे लाभ गड़चिरोली के किसानों के लिए वरदान साबित हाेगी "मातोश्री योजना'
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। किसानों को अपने खेत तक पहुंचने के लिए राज्य सरकार ने "पालकमंत्री पांदन सड़क योजना" क्रियान्वित की थी। इस योजना के तहत पांदन सड़कों का निर्माणकार्य आरंभ किया था। लेकिन कम समय में ही यह योजना खटाई में चले जाने के कारण राज्य सरकार ने "महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना" को और अधिक मजबूती प्रदान करते हुए "मातोश्री पांदन सड़क योजना" आरंभ की है। योजना के तहत पहले चरण में गड़चिरोली जिले में कुल 33 सड़कें मंजूर की गयी हैं।
सड़क बन जाने पर अब किसान बारिश के दिनों में भी बड़ी आसानी से अपने खेत तक पहुंच सकेंगे। यह योजना जिले के धान उत्पादक किसानों के लिए वरदान साबित होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। बता दें कि, गड़चिरोली जिला धान उत्पादक जिले के रूप में परिचित है। यहां पर खरीफ सत्र के दौरान किसान अपने खेतों में बड़े पैमाने पर धान की फसल उगाते हैं। किसानों के खेत तक पहुंचने के लिए सरकार ने इसके पूर्व "पालकमंत्री पांदन सड़क योजना" क्रियान्वित की थी।
योजना के तहत जिलाधिकारी कार्यालय में पांदन सड़कों के हजारों आवेदन पेश किये गये थे। लेकिन सड़क वितरण प्रक्रिया में किसानों के साथ सौतेला व्यवहार होने का आरोप लगाया गया था। फलस्वरूप यह योजना पूरी तरह खटाई में चली गयी थी। इसी कारण अब राज्य सरकार ने इस योजना को नये सिरे से आरंभ करने का फैसला लिया है। सरकार ने योजना का नाम बदलकर "मातोश्री पांदन सड़क योजना" रखा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत खेत तक पहुंचने वाली सड़कों को अब बनाया जाएगा। कृषि सेवक किसान के खेत पहंुचकर सर्वेक्षण का कार्य करेगा। जिसके बाद सड़क मंजूर होते ही कार्य आरंभ होगा। सड़क निर्माण से गांव के मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध होगा। यह योजना गड़चिरोली जैसे उद्योग विहीन जिले के लिए वरदान साबित होने की उम्मीद व्यक्त हो रही है। सड़कों का निर्माणकार्य किये जाने से किसानों में हर्ष व्यक्त हो रहा है।