मशाल उद्धव ठाकरे गुट की ही, दिल्ली हाईकोर्ट ने फिर खारिज की याचिका
समता पार्टी को राहत नहीं मशाल उद्धव ठाकरे गुट की ही, दिल्ली हाईकोर्ट ने फिर खारिज की याचिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को मशाल चुनाव चिन्ह आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली समता पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से फिर कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने समता पार्टी की याचिका को फिर से खारिज कर दिया है। इससे पहले 19 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने चुनाव आयोग के उद्धव ठाकरे गुट को मशाल चिन्ह आवंटित करने के फैसले को बरकरार रखा था, जिसे समता पार्टी ने फिर चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए समता पार्टी की याचिका फिर खारिज कर दी।
समता पार्टी ने अपनी दलील में कहा कि मशाल उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह है। पार्टी इस चुनाव चिन्ह पर चुनाव भी लड़ चुकी है और उनकी पार्टी के लिए मशाल एक आरक्षित चिन्ह है। शिवसेना (उद्धव बालासेहब ठाकरे) को मशाल चुनाव चिन्ह आवंटित करने से पहले चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की। हालांकि, कोर्ट ने समता पार्टी की दलील को खारिज कर दिया और कहा कि समता पार्टी की मान्यता 2002 में ही रद्द कर दी गई थी। इसलिए अभी उसका मशाल चिन्ह पर कोई अधिकार नहीं है। वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि समता पार्टी की मान्यता 2004 में ही रद्द हुई थी। लिहाजा जनप्रतिनिधि कानून के तहत आवंटन आदेश पारित करने से पहले कोई अधिसूचना जारी करने की जरूरत नहीं है। समता पार्टी के अध्यक्ष उदय मंडल ने कहा है कि वह हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे।