अपराध साबित होने तक व्यक्ति बेगुनाह : हाई कोर्ट

पेपर लीक मामला अपराध साबित होने तक व्यक्ति बेगुनाह : हाई कोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-28 05:59 GMT
अपराध साबित होने तक व्यक्ति बेगुनाह : हाई कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सीबीएसई का पेपर लीक करने के आरोपी अंकुश पृथ्वीराज चौहान को सशर्त जमानत प्रदान की है। आरोपी को पुलिस से सहयोग करने और सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं करने का आदेश दिया गया है।  यह मामला बुलढाणा जिले के साखरखेर्डा थाना क्षेत्र का है।

यह है मामला
मार्च माह में सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा हुई। 3 मार्च को गणित विषय का पेपर था। याचिकाकर्ता परीक्षा के उप-संयोजक की भूमिका में था। अब्दुल अकील नामक एक प्राचार्य संयोजक था। इन दोनों पर पेपर लीक करने का आरोप है। पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार अब्दुल ने प्रश्नपत्र की तस्वीर अपने मोबाइल में ली और गजानन नामक व्यक्ति को भेजी। गजानन ने यह तस्वीरें गोपाल नामक एक शिक्षक को भेजी। गोपाल ने ये तस्वीरें "खुफिया' और "बिंदास गर्ल' नामक दो वॉट्सएप ग्रुप पर भेजी। इधर गोपाल की पत्नी ने इन तस्वीरों के आधार पर पेपर हल किया और हल किए हुए पेपर की तस्वीरें भी वायरल कर दीं। इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता अंकुश चौहान पर आरोप है कि, जब प्राचार्य अब्दुल अकील प्रश्नपत्र की तस्वीरें ले रहा था, तब अंकुश वहां मौजूद था। उसे गजानन नामक व्यक्ति से 10 हजार रुपए मिले थे। इस प्रकरण की जांच अभी जारी है।

मामला हाई कोर्ट पहुंचा और हाई कोर्ट ने  आरोपी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र डागा को सुना। सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निरीक्षण दिया कि, प्रथम दृष्टया इस प्रकरण में यह प्रतीत हो रहा है कि, चाहे आरोपियों ने प्रश्नपत्र वायरल किया हो, लेकिन परीक्षा कक्ष में सभी विद्यार्थियों के फोन प्रतिबंधित थे, तो विद्यार्थियों को पेपर लीक होने से कोई खास फायदा नहीं हुआ, लेकिन इस मामले में विस्तृत जांच जरूरी है, लेकिन तब तक आरोपी को हिरासत में नहीं रखा जा सकता। अपराध साबित होने तक व्यक्ति को बेगुनाह माना जाता है। 
 

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