हारने वाले उम्मीदवार काे भी देना होगा चुनावी खर्च
अन्यथा 6 साल के लिए हो जाएंगे अपात्र हारने वाले उम्मीदवार काे भी देना होगा चुनावी खर्च
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले के कुल 348 ग्राम पंचायत चुनाव मंे सरपंच पदों के उम्मीदवारों को सीधे जनता से चुना गया। वहीं 3022 ग्राम पंचायत सदस्यों को चुना गया है। वहीं हजारों उम्मीदवारांे को हार का सामना करना पड़ा। जीते हुए उम्मीदवारों को चुनावी खर्च का हिसाब तो देना ही पड़ता है लेकिन हारे हुए उम्मीदवारांे को भी निर्धारित समय में चुनावी खर्च का हिसाब प्रशासन को प्रस्तुत करना पड़ेगा।
जिसकी अंतिम तिथि 18 जनवरी 2023 तक बताई गई है। यदि चुनाव खर्च निर्धारित कालावधि मंे प्रस्तुत नहीं किया गया तो उन पर 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग जाएगा अर्थात वे अपात्र हो जाएगे। यहां बता दें िक जिले की 348 ग्राम पंचायतांे के चुनाव का मतदान 18 दिसंबर को संपन्न हुआ। 20 दिसंबर को चुनाव के परिणाम घोषित िकए गए। जिसमंे 348 सरपंचांे को सीधे जनता से चुना गया। वहीं 3022 सदस्यांे को प्रभागों के मतदाताओं ने चुनकर दिया है। बताया गया है कि 348 सरपंच पदांे के लिए चुनावी मैदान में 7 हजार 712 उम्मीदवार खड़े थे। वहीं 3022 सदस्यांे के लिए 6 हजार 705 उम्मीदवार चुनावी मैदान मंे खड़े थे। चुनाव परिणाम घोषित होते ही चुनाव विभाग द्वारा एक पत्र जारी कर दिया गया कि 18 जनवरी 2023 तक इस चुनाव में अधिकृत उम्मीदवारांे को चुनावी खर्च का विवरण देना होगा। बताया गया है कि इस कालावधि तक अर्थात 30 दिनांे के भीतर चुनावी खर्च का विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया तो 6 वर्ष तक उसे अपात्र िकया जाएगा अर्थात इस कालावधि के लिए चुनाव लड़ने के लिए अपात्र हो जाएगे। पत्र मिलते ही जीतने वाले उम्मीदवारांे के साथ हारने वाले उम्मीदवार भी चुनावी खर्च का विवरण भरने के लिए तहसील कार्यालय मंे जा रहे हैं।