लोणार के राजू केंद्रे फोर्ब्स पत्रिका की सूची में

उपलब्धि लोणार के राजू केंद्रे फोर्ब्स पत्रिका की सूची में

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-09 08:42 GMT
लोणार के राजू केंद्रे फोर्ब्स पत्रिका की सूची में

डिजिटल डेस्क,बुलढाणा/यवतमाल। विख्यात फोर्ब्स पत्रिका की सूची में बुलढाणा जिले की लोणार तहसील के ग्राम पिंपरी खंदारे निवासी राजू केंद्रे को शामिल किया गया है। सामाजिक क्षेत्र में राजू द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों पर लंदन की फोर्ब्स पत्रिका ने एक स्टोरी भी प्रकाशित की है। राजू केंद्रे महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा के लिए कार्यरत एकलव्य फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ हैं। 

फोर्ब्स के सामाजिक कार्य उद्यमशीलता श्रेणी में भारत के 30 वर्ष के भीतर के 30 प्रभावी युवाओं की सूची में केंद्रे शामिल हैं। 28 वर्षीय राजू फिलहाल ब्रिटिश सरकार की चेवनिंग स्कॉलरशिप पर लंदन में उच्च शिक्षा ले रहे हैं। वे "भारत की उच्च शिक्षा व असमानता" विषय पर रिसर्च कर रहे हैं। घुमंतू समाज  और किसान पुत्र को इस सूची में शायद पहली बार यह सम्मान मिल रहा है। राजू के माता- पिता की  प्राथमिक पढ़ाई भी नहीं हो पाई। राजू के माध्यम से परिवार की पहली पीढ़ी उच्च शिक्षा लेने वाली साबित हुई है। शालेय शिक्षा जिला परिषद शाला में पूरी की। स्नातक की शिक्षा के लिए पुणे गए। कोई मार्गदर्शक नहीं होने से होस्टल भी नहीं मिला। फर्ग्युसन कॉलेज की तारीख निकल गई। बीपीओ में काम करने का प्रयास किया। मगर वहां पर भी विदर्भ की भाषा के कारण टिक नहीं पाए। मात्र कुछ माह में ही उन्हें पुणे छोड़ना पड़ा। मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना पड़ा।

30000 से ज्यादा किताबें जमा कीं : 2012 में मुक्त विश्वविद्यालय में पढ़ते समय राजू को मेलघाट आदिवासी क्षेत्र में जाने का अवसर मिला। मेलघाट के दोस्तों के गुट के साथ 2 साल काम किया। राजू ने टाटा इंस्टीट्यूट में ग्रामीण विकास विषय में स्नातकोत्तर शिक्षा लेते समय ग्राम परिवर्तन आंदोलन के माध्यम से खुद के गांव में काम करना तय किया। लेकिन राजनीति में अच्छी पैठ रखने वालों ने उन्हें पीछे खींचने का प्रयास किया। राजू ने महाराष्ट्र सरकार के ग्रामीण विकास फेलोशिप में काम किया। इस दौरान उसने पारधी समाज के लिए विकास कार्य किए। उसके कार्यों का संज्ञान महाराष्ट्र सरकार ने लिया। ज्ञान के विकेंद्रीकरण की दृष्टि से और ग्रामीण क्षेत्र की किताबें उपलब्ध कराने के लिए पूना, ठाणे, औरंगाबाद, यवतमाल, अमरावती, मुंबई से 30000 से ज्यादा किताबें जमा कीं और ग्रामीण क्षेत्र में ग्रंथालय निर्माण करने के लिए वितरित कीं।

यह जिम्मेदारी की बात है
फोर्ब्स की सूची में शामिल होने पर राजू केंद्रे ने कहा कि मेरे जैसे पिछड़े वर्ग से आए युवक के लिए यह काफी आनंददायी तथा जिम्मेदारी की बात है। वर्तमान स्थिति में प्रतिभा व क्षमता होते हुए भी अवसर गंवाने वाले कई युवक झोपड़पट्टी में ही हैं। इसी के चलते ऐसा महसूस हुआ कि "एकलव्य" का नाम लेकर प्लेटफॉर्म तैयार करें। यह नाम भी अपने आप सूझा। राजू कहते हैं कि आने वाली पीढ़ियों को कठिनाई न झेलनी पड़े। "एकलव्य"  संस्था बनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों और बहुजन समाज के युवकों को विश्वस्तर की शिक्षा दिलाना है। राजू ने कहा कि ‘फोर्ब्स" का यह पुरस्कार सावित्रीबाई फुले, शाहू, आंबेडकर, पेरियार, कर्मवीर अण्णा, भाऊसाहेब देशमुख, बिरसा मुंडा, जयपालसिंह मुंडा जैसे वंचित घटकों के लिए आदर्श बने समाज सुधारकों तथा उनके सामाजिक, शैक्षिक कार्य को अर्पण करता हूं।
 

Tags:    

Similar News