कारखानों-ऑफिसों में तालाबंदी से घटी बिजली की खपत
कारखानों-ऑफिसों में तालाबंदी से घटी बिजली की खपत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के चलते बंद की स्थिति व औद्योगिक क्षेत्र में कामकाज ठप होने तथा निजी कंपनियों की ओर से सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के चलते राज्य के उर्जा विभाग ने अपने14 बिजली उत्पादन यूनिट को बंद कर दिया है। जिन केंद्रों को बंद किया गया है उनमें नाशिक, भुसावल, परली, कोराड़ी व खापरखेड़ा केंद्र शामिल हैं। वैसे सामान्य दिनों में मार्च व अप्रैल के दौरान 19 हजार मेगावाट की बिजली की जरूरत पड़ती है, पर इस बार कई इलाकों में हुई बेमौसम बरसात के चलते कृषि पंप बंद पड़े रहे और अब कोरोना के प्रकोप चलते निजी कार्यालय बंद हैं और कारखानों में भी कामकाज बंद कर दिया गया है, जिससे बिजली की मांग काफी घट गई।
मिली जानकारी के मुताबिक इस बार बिजली की मांग में पांच हजार मेगावाट की गिरावट आई है। इसके अलावा बाजार में उपलब्ध बिजली दर की तुलना में सरकार के बिजली केंद्रों में बिजली उत्पादन का खर्च अधिक है। इसे देखते हुए 14 बिजली उत्पादन केंद्रों को बंद करने का निर्णय किया गया है। और लोगों को निजी कंपनियों की ओर से सस्ते में उपलब्ध कराई जा रही बिजली खरीद कर उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि महावितरण ने साफ किया है कि बिजली की ज्यादा जरूरत पड़ने पर बंद किए गए केंद्रों को दोबारा शुरू करने की हमारी पूरी तैयारी है।
ड्यूटी पर तैनात है बिजली विभाग कर्मी
कोरोना के चलते लोग अपने घरों में है इसलिए इस दौरान बिजली की आपूर्ति बंद न हो इसका राज्य के उर्जा मंत्री डॉ. नितीन राउत व महावितरण के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक असीम कुमार गुप्ता ने विशेष ध्यान रखा है। कोरोना के चलते सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 5 प्रतिशत है लेकिन बिजली विभाग के तकनीकी कर्मचारियों की उपस्थिति शतप्रतिशत रखी गई है। हर परिमंडल में कर्मचारियों को तैनात किया गया है और परिस्थितियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। गौरतलब है कि घरों में बिजली का इस्तेमाल करने वाले दो करोड़ 60 लाख उपभोक्ता है। जबकि 46 लाख लोग कृषि कार्य के लिए बिजली का इस्तेमाल करते हैं। तो इन लोगों का जल्द से जल्द पता लगाया जा सकता है और इन लोगों के परिजनों को राहत मिल सकती है।
उर्जा विभाग ने बंद किए 14 बिजली उत्पादन केंद्र