कोरिया : चिरायु योजना उम्मीद छोड़ चुके अभिभावकों में कर रही नए जीवन का संचार
छत्तीसगढ़ कोरिया : चिरायु योजना उम्मीद छोड़ चुके अभिभावकों में कर रही नए जीवन का संचार
- परिजन के चेहरों पर लौटी मुस्कान
- चिरायु शिविर के दौरान मिले थे मरीज
डिजिटल डेस्क, रायपुर। बचपन में यदि किसी बच्चे को हृदय रोग या कोई कई अन्य गंभीर रोग हो जाये तो उसका बचपन छिन जाता है और अगर परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो तो बच्चे और उसके परिवार दोनों के लिए जीवन मुश्किल हो जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु योजना ऐसे बच्चों के लिये वरदान साबित हो रही है। जो जन्म के बाद से ही ऐसे अनेकों विकार से ग्रसित थे।
जिले में कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में राज्य शासन द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) योजना अंतर्गत बच्चों में स्वास्थ्य की गंभीर समस्या को देखते हुये चिरायु दल द्वारा बच्चों का चिन्हांकन कर उनका निःशुल्क उपचार कराया जा रहा है जिससे जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी रोशन हो रही है। अब ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह ही अपनी जिंदगी गुजार सकेंगें और अपना भविष्य गढ़ सकेंगें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामेश्वर शर्मा ने अवगत कराया कि शासन द्वारा चिरायु योजना का क्रियान्वयन एक अभियान के रूप में करने का निर्णय लिया गया, अभियान अंतर्गत 0 से 18 वर्ष प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत समस्त छात्र छात्राओं का वर्ष में एक बार तथा आंगनबाड़ियों में दर्ज बच्चों का उक्त अवधि में 02 बार स्वास्थ्य परीक्षण करने का लक्ष्य हैं। चिरायु कार्यक्रम के तहत बच्चों में 44 प्रकार की बीमारियों की पहचान व जाँच कर उपचार किया जाता है, साथ ही जरुरत पड़ने पर उच्च संस्थाओं में रिफर भी किया जाता है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक रंजना पैकरा ने बताया कि चिरायु अंतर्गत कोरिया जिले के 05 विकासखण्डों में कुल 12 चिरायु दल कार्य कर रहे हैं। सभी दलों में 1-1 महिला एवं पुरूष चिकित्सा अधिकारी, 1 फार्मासिस्ट, 1 लैब तक्नीशियन, 1 ए.एन.एम. कार्यरत है, जिनके द्वारा प्रतिमाह 20 दिवस योजनाबध्द तरीके से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता हैं। डॉ. प्रिंस जायसवाल, जिला सलाहकार ने बताया कि 01 अप्रैल से 31 जुलाई 2022 तक जांच पश्चात् ग्रुप ए अंतर्गत 70 बच्चों का निःशुल्क सर्जरी व ईलाज कराया गया है। जिसमें 26 जन्मजात बाल हृदय रोग, 25 क्लब फूट (पैरों की विकृति), 05 जन्मजात मोतियांबिंद, 01 ग्लूकोमा, 01 हाइड्रोसिफेलस, 06 न्यूरो एवं 06 अन्य बीमारियों का निःशुल्क ईलाज एवं सर्जरी किया गय।