कमल हासन की पार्टी एमएनएमऔर तमिलनाडु के मछुआरों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की
तमिलनाडु कमल हासन की पार्टी एमएनएमऔर तमिलनाडु के मछुआरों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की
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- 000 रुपये करें मुआवजा
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अभिनेता से नेता बने कमल हासन की मक्कल नीति मय्यम (एमएनएम) पार्टी और तमिलनाडु में मछुआरा समुदाय राज्य सरकार से वार्षिक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के मौसम के दौरान मछुआरों का मुआवजा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। 61-दिवसीय वार्षिक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध का मौसम 15 अप्रैल से शुरू हुआ। एमएनएम ने मांग की है कि राज्य सरकार मछली पकड़ने वाले श्रमिकों को होने वाली कमाई के नुकसान के मुआवजे को दोगुना कर 10,000 रुपये करें।
दक्षिण भारतीय फिशरमेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष के भारती ने आईएएनएस को बताया, पहले प्रतिबंध की अवधि केवल 45 दिनों के लिए थी और सरकार ने कमाई के नुकसान के मुआवजे के रूप में 5,000 रुपये का भुगतान किया था। बाद में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि को बढ़ाकर 61 दिन कर दिया गया था, जिसमें मुआवजे में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि द्रमुक ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मुआवजे को बढ़ाकर 8,000 रुपये करने का वादा किया था, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
भारती ने यह भी कहा कि जहां मछुआरों को मछलियों के प्रजनन के लिए मौसम के दौरान समुद्र में जाने पर प्रतिबंध है। वहीं उन उद्योगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जो प्रतिबंध के मौसम के दौरान अपशिष्टों को बाहर निकालते हैं। वार्षिक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध 1991 में शुरू हुआ था। मछली की आबादी में वृद्धि पर प्रतिबंध के सकारात्मक प्रभाव पर आज तक कोई अध्ययन नहीं हुआ है। प्रजनन के मौसम और मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के बारे में एक सवाल के जवाब में, (जो आमतौर पर 15 अप्रैल से 14 जून के बीच लगाया जाता है) उन्होंने कहा, कई मछली किस्में अक्टूबर-नवंबरके दौरान प्रजनन करती हैं। सरकार को स्पष्ट रूप से वास्तविक प्रजनन मौसम की घोषणा करनी चाहिए।
(आईएएनएस)