अप्रैल से पहले जिले के 12 कृषि मंडी में चुनाव करवाना मुश्किल
अमरावती अप्रैल से पहले जिले के 12 कृषि मंडी में चुनाव करवाना मुश्किल
डिजिटल डेस्क, अमरावती । बाॅम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ और औरंगाबाद खंडपीठ में कृषि उपज मंडी के चुनाव को लेकर दायर याचिका पर जनवरी में हुई सुनवाई में कृषि मंडी के चुनाव अप्रैल से पहले करवाने के आदेश दिए थे, किन्तु सहकार प्राधिकरण द्वारा कोई दिशा निर्देश नहीं आने से नई मतदाता सूची काम काम अब तक शुरू नहीं हुआ है, जिससे मामला ठंडे बस्ते में दिखाई पड़ रहा है अप्रैल में चुनाव होने की संभावना बहुत ही कम दिख रही है। जिससे एमपीएमसी में प्रशासक राज की समयावधि बढ़ानी पड़ेगी।
अमरावती जिले की अमरावती व भातकुली तहसील मिलाकर एक, धारणी व चिखलदरा तहसील मिलाकर एक कृषि मंडी के साथ ही परतवाड़ा, दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, वरुड़, मोर्शी, तिवसा, चांदुर रेलवे, धामणगांव रेलवे, नांदगांव खंडेश्वर व चांदुर बाजार आदि बाजार समिति का पुराने संचालक मंडल का कार्यकाल 2021 में खत्म हो गया था। किंतु शुरुआती दौर में कोरोना के चलते जारी आदेश के कारण चुनाव नहीं हो पाए थे। उसके बाद कृषि मंडी की ओर से मतदाता सूची बनाई गई।
अंतिम मतदाता सूची पर आपत्ति व सुझाव भी लिए गए। तभी 18 दिसंबर को जिले की 257 ग्राम पंचायतों के चुनाव हुए और इन ग्राम पंचायतों में निर्वाचित हुए सरपंच व सदस्यों ने उन्हें मतदाताधिकार बहाल करने याचिका दायर की थी। जिस पर जनवरी में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाकर ग्राम पंचायतों को चुनाव जीतने वाले सरपंच व सदस्यों को मताधिकार बहाल कर दिया। वहीं, सेवा सहकारी सोसायटी से एक सदस्य कृषि मंडी पर भेजना जरूरी रहता है। जिले में 2 हजार के करीब सेवा सहकारी सोसायटी है। इनमें से 100 के करीब सोसायटी के अभी तक चुनाव नहीं हुए है। कुल मिलाकर अप्रैल से पहले कृषि मंडी के चुनाव कराना मुश्किल रहने से कृषि मंडी के चुनाव को समयवाधि मिलने की संभावना जताई जा रही है।