रनमोचन व अऱ्हेरनवरगांव घाट से अवैध रेत का परिवहन
लाखों का राजस्व डूब रहा रनमोचन व अऱ्हेरनवरगांव घाट से अवैध रेत का परिवहन
डिजिटल डेस्क, ब्रह्मपुरी(चंद्रपुर)। तहसील के 5 से 6 रेत घाट में से रनमोचन, अऱ्हेरनवरगांव के रेत घाट से बड़े पैमाने पर रेत का अवैध तरीके से परिवहन किया जा रहा है परंतु राजस्व प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने के चलते सरकार का लाखों रुपए का राजस्व डूब रहा है। दो ही गांव के रेत घाट से रेत की तस्करी व डंपिंग होने से इन्हें किनका आशीर्वाद है? ऐसा सवाल निर्माण हो रहा है। रोज देर रात व तड़के होनेवाली अवैध रेत यातायात पर कार्रवाई होने से राजस्व प्रशासन की भूमिका संदेहहास्पद नजर आ रही है। गौरतलब है कि, ब्रह्मपुरी तहसील के अऱ्हेरनवरगांव, सोंदरी, रनमोचन, आवलगांव, हलदा, बोडधा आदि गांव से वैनगंगा नदी बहती है। नदी पात्र चौड़ा होने के चलते पात्र में बड़े पैमाने पर रेत का भंडारन उपलब्ध है, जिससे इस गांव को रेत घाट भी कहा जाता है। तहसील के नदी पात्र के रेत की जिले के बाहर बड़ी मांग है। रेत को अधिक दर मिलने के कारण रेत घाट पर अवैध रेत उत्खनन कर अवैध रेत की यातायात करनेवाले सक्रिय हैं। पिछले दो वर्ष से कोई भी घाट की सरकारी नियम के तहत नीलामी नहीं हुई है।
राजनीतिक व प्रशासन के आशीर्वाद से अवैध उत्खनन कर ट्रक, ट्रैक्टर से अवैध रेत का परिवहन किया जा रहा है। वहीं पिछले दो माह से सोंदरी,आवलगांव, हलदा, बोडधा रेत घाट से रेत का अवैध उत्खनन व यातायात पर अंकुश लगाने की बात कही जा रही है। इसमें नए से नियुक्त हुए राजस्व अधिकारी की कार्रवाई से अंकुश लगने की चर्चा है परंतु स्टॉक रेत के नाम पर रनमोचन,अऱ्हेरनवरगांव इन रेत घाट से अवैध रेत उत्खनन व यातायात बड़े पैमाने पर हो रहा है। कुछ दिन पहले अऱ्हेरनवरगांव घाट का सरकार का एमएसएमसी व निजी रेत भंडारन अलग करने की मांग की थी परंतु इस मांग की ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। रनमोचान,अऱ्हेरनवरगांव घाट पर रेत उत्खनन व यातायात कैसे हो रही है, इस पर प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं करता? ऐसे अनेक सवाल खड़े हो रहे हंै।