कृषिपंपों को 8 घंटे बिजली न मिली तो करेंगे चक्काजाम
किसानों ने दी चेतावनी कृषिपंपों को 8 घंटे बिजली न मिली तो करेंगे चक्काजाम
डिजिटल डेस्क, आरमोरी. (गड़चिरोली)। खरीफ सीजन के अंतिम समय में हुई बेमौसम बारिश के कारण धान फसलों का भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान से उबरने तहसील के किसान ग्रीष्मकालीन धान फसलों का उत्पादन ले रहे हंै। किसानों ने कृषिपंपों के सहयोग से ग्रीष्मकालीन धान फसलों का रोपाई कार्य पूर्ण किया है लेकिन सरकार ने किसानों को किसी भी तरह की पूर्व सूचना न देते हुए कृषिपंपों के लिए लोडशेडिंग शुरू कर दी है। अब केवल तीन घंटे ही कृषिपंपों की बिजली आपूर्ति जारी रहती है, जिससे अनेक किसानों की धान फसल सिंचाई के अभाव में सूख रही है।
लोडशेडिंग के कारण डेढ़ माह के भीतर किसानों को मिलनेवाली धान फसल अब हाथ से निकाल जाने की आशंका जताई जा रही है। तहसील के चामोर्शी, वनखी, ठानेगांव, डोंगरगांव, वासाला परिसर के किसानों ने गुरुवार को गड़चिरोली जिला आदिवासी कांग्रेस सचिव दिलीप घोडाम, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अमोल मारकवार, प्रहार के निखिल धार्मिक के नेतृत्व में उपविभागीय अभियंता बिजली वितरण कंपनी कार्यालय में दस्तक देकर उपविभागीय अभियंता बोबडे से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वरिष्ठ के आदेशानुसार कृषिपंपों की 8 घंटे बिजली आपूर्ति में कटौती कर इसे 3 घंटे कर दिया हैै। इसके लिए वे कुछ नहीं कर सकते। बिजली के अभाव में किसानों की धान फसल सूख रही है। धान फसलों को बचाने के लिए नियमित 8 घंटे बिजली आपूर्ति किया जाए, अन्यथा सोमवार 11 अप्रैल को सुबह 11 बजे ठानेगांव फाटा में चक्काजाम आंदोलन किया जाएगा। ऐसी चेतावनी इस समय किसानों ने दी है। इस समय ग्रापं सदस्य शेखर धदरे, पुंडलिक मानागडे, राजू सातपुते, किशोर भोयर, खेमराज सामृतवार, रामा म्हशाखेत्री, ऋषि मगरे, दीपक बानबले, आनंदराव बावणे, कामचंद ढवले, संतोष उपरीकर, योगेश ठेवले, राजू पिपरे, नरेश टिपरे समेत सैकड़ों किसान उपस्थित थे।