तमिलनाडु की आइडल विंग ने नटराज की प्रतिमा को जब्त किया, सत्यापन के लिए परमाणु अनुसंधान केंद्र से किया संपर्क

तमिलनाडु तमिलनाडु की आइडल विंग ने नटराज की प्रतिमा को जब्त किया, सत्यापन के लिए परमाणु अनुसंधान केंद्र से किया संपर्क

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-23 10:30 GMT
तमिलनाडु की आइडल विंग ने नटराज की प्रतिमा को जब्त किया, सत्यापन के लिए परमाणु अनुसंधान केंद्र से किया संपर्क

डिजिटल डेस्क,चेन्नई। तमिलनाडु पुलिस की आइडल विंग ने चेन्नई के एक इलाके से 4.5 फीट ऊंची नटराज की प्रतिमा जब्त की है, जिसे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी मूर्ति माना जाता है। जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पुष्टि की है कि मूर्ति पंचलोहा से बनी है। आइडल विंग ने इसके सत्यापन के लिए इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र से संपर्क किया है।

आइडल विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि गुरुवार को जब्ती की गई और आरोपी व्यक्ति पार्थिबन के पास अपना स्वामित्व साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं था।

फिलहाल जांच टीम इस बात की जांच कर रही है कि पार्थिबन को नटराज की मूर्ति कहां से मिली।एएसआई के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि 2017 में एक महिला ने मूर्ति को जर्मनी भेजने के लिए गैर-प्राचीनता प्रमाण पत्र का अनुरोध करने के लिए उनसे संपर्क किया था।उन्होंने कहा, हालांकि उन्होंने मूर्ति के स्थान और उसके ठिकाने का खुलासा नहीं किया और यह सिर्फ एक आकस्मिक पूछताछ की तरह था।

आइडल विंग को गुप्त सूचना मिली थी कि मूर्ति चेन्नई में है और इसे शहर के मनाली इलाके में लोहे और स्टील के बाजार से बरामद किया गया है।आईएएनएस से बात करते हुए, पुलिस महानिदेशक (आइडल विंग), जयंत मुरली ने कहा, हम ²ढ़ता से मानते हैं कि मूर्ति लगभग 1,200 साल पुरानी है और यह प्रारंभिक चोल काल या पल्लव और चोल के संक्रमण काल की हो सकती है।

 

 (आईएएनएस)

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