बदहाल मार्ग की मरम्मत को लेकर दो घंटे तक सैकड़ों वाहन रोके
विरोध बदहाल मार्ग की मरम्मत को लेकर दो घंटे तक सैकड़ों वाहन रोके
डिजिटल डेस्क, वाशिम। वाशिम-हिंगोली मार्ग पर रेलवे क्रासिंग से सुरकंडी की ओर जानेवाला मार्ग गड्ढों के कारण बदहाल हो गया है। इस मार्ग पर स्थित सोया कम्पनी में आने-जानेवाले वाहनाें के कारण इस मार्ग की हालत खराब हुई है। मार्ग की बदहाली से त्रस्त हो चुके ग्राम सुरकंडी के नागरिकों ने शुक्रवार 15 जुलाई को सुबह 9 से 11 बजे के दौरान अघोषित चक्काजाम आंदोलन किया। इस समय कम्पनी के भारी वाहनों को रोककर छलनी हो चुके मार्ग की मरम्मत कर दर्जोन्नति किए जाने की आग्रही मांग भी ग्रामीणों ने की।
समीपस्थ ग्राम सुरकंडी से कुछ ही दुरी पर रुचि सोया कम्पनी होने से इस कम्पनी में मालढुलाई करनेवाले सैंकड़ों भारी वाहनाें की भीड़ इस छोटे से मार्ग पर लगी रहती है। इस कारण बड़े-बड़े गड्ढे पड़ने से मार्ग की हालत काफी खराब हो गई। हालही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण इस मार्ग से पैदल चलना भी कठिन होने के कारण इस मार्ग की तत्काल दर्जोन्नति कर नई सड़क बनाने की मांग सुरकंडी के ग्रामीणों ने प्रशासन से की। इस सम्बन्ध में सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल, ग्रामीण आदि ने समय-समय पर जिला परिषद के लोकनिर्माण विभाग से पत्र व्यवहार किया, ज्ञापन दिए; लेकिन बरसात शुरु होने के बावजूद दर्जोन्नति मार्ग का काम शुरु नहीं किया गया। पिछले सप्ताहभर से हुई बारिश के कारण इस मार्ग पर बने गड्ढे और अधिक बढ़ गए।
बरसात का पानी इन गड्ढों में भरने से छोटे-मोटे हादसे भी हुए। ऐसे में ग्रामीणों के रोष का रुपांतर शुक्रवार सुबह चक्का-जाम आंदोलन में हुआ। सुबह 8 बजे से ग्रामीणों ने इस मार्ग पर कब्ज़ा किया और सोया कम्पनी से आने तथा कम्पनी की ओर जानेवाले सैंकड़ों मालवाहक ट्रकों को रोके रखा। विशेष रुप से यह आंदोलन निश्चित कर नहीं किया गया, बल्कि नागरिक स्वयंस्फूर्ति से आंदोलन में शामिल हुए। लगातार दो घंटे चक्काजाम करने के बाद प्रशासन ने तत्काल दखल ली और जिला परिषद के निर्माणकार्य सभापति तथा इस जिप सर्कल के सदस्य सुरेश मापारी ने आंदोलन स्थल को भेंट दी। उनके साथ जिला परिषद लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता फईम मुल्ला ने भी आंदोलन स्थल को भेंट देकर आगामी 8 दिन में सम्पूर्ण टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर दर्जोन्नति मार्ग का काम शुरु करने का आश्वासन दिया। साथही मार्ग पर बने गड्ढे तत्काल पाटने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम आंदोलन समाप्त किया। आंदोलन के दौरान मार्ग के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतार लगी रहीं।