सीएम आवास पर विरोध विफल करने के लिए सैकड़ों शिक्षक गिरफ्तार
आंध्र प्रदेश सीएम आवास पर विरोध विफल करने के लिए सैकड़ों शिक्षक गिरफ्तार
- शिक्षकों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।
डिजिटल डेस्क, विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश पुलिस ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास अमरावती और विजयवाड़ा जाने वाले सैकड़ों शिक्षकों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। ये शिक्षक अंशदायी पेंशन योजना (सीपीएस) को रद्द करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के आवास पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे थे।
आंध्र प्रदेश शिक्षक संघ (एपीटीएफ) द्वारा दिए गए चलो सीएमओ के आह्वान के मद्देनजर, ताडेपल्ली में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास की ओर जाने वाले सभी रास्तों को पुलिस की भारी तैनाती के साथ सील कर दिया गया।पूरा क्षेत्र बाहरी लोगों के लिए सीमा से बाहर था, जबकि स्थानीय लोगों को भी घर के अंदर रहने की सलाह दी गई क्योंकि पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई और स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।आसपास के जिलों और राज्य के अन्य स्थानों से विजयवाड़ा की ओर जा रहे शिक्षकों को चेकपोस्टों पर रोककर हिरासत में ले लिया गया।
प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पुलिस होटल, लॉज, रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रख रही है। विजयवाड़ा की ओर जाने वाली सड़कों पर वाहनों की जांच के लिए विशेष चेकपोस्ट बनाए गए हैं।पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग, गुंटूर-विजयवाड़ा रोड और सर्विस रोड पर भी प्रतिबंध लगा दिया और लोगों को वाहनों और उनके पहचान पत्रों की जांच के बाद जाने की अनुमति दी जा रही है।
फरवरी में विजयवाड़ा में अपनी मांगों के समर्थन में सरकारी कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पुलिस द्वारा चलो विजयवाड़ा की अनुमति देने से इनकार करने और चौकियों को खड़ा करने के बावजूद, हजारों कर्मचारी 3 फरवरी को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के लिए विजयवाड़ा पहुंचने में कामयाब रहे थे। विरोध प्रदर्शनों को रोकने में पुलिस की विफलता के कारण तत्कालीन पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग का तबादला कर दिया गया था।
इस बीच, एपीटीएफ नेताओं ने राज्य भर में शिक्षकों की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शांतिपूर्ण विरोध को दबाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके अपना रही है।एपीटीएफ नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार सीपीएस को निरस्त करने और पुरानी पेंशन योजना को पुनर्जीवित करने के अपने वादे से मुकर रही है। उन्होंने शिक्षकों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।
(आईएएनएस)