सरकारी मेडिकल कॉलेज में IVF सेंटर खोलने का सरकार का एलान वर्षो पुराने देखे सपने के सच होने जैसा
मध्यप्रदेश सरकारी मेडिकल कॉलेज में IVF सेंटर खोलने का सरकार का एलान वर्षो पुराने देखे सपने के सच होने जैसा
- आईवीएफ सेंटर के लिये बजट का प्रावधान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आईवीएफ सेंटर खोले जाने का शिवराज सरकार का फैसला अब जल्द ही साकार होने जा रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में शुमार राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में प्रदेश का पहला आईवीएफ सेंटर खोला जाएगा। शुक्रवार को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने हमीदिया अस्पताल में आईवीएफ सेंटर खोले जाने का बड़ा एलान किया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सरकारी चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर में पहली बार आईवीएफ सेंटर खोला जा रहा है। जिससे संतानहीनता की समस्या से जो महिला जूझ रही है उनका इलाज हो सके। आईवीएफ सेंटर के माध्यम से प्रदेश के गरीब निःसंतान दंपत्तियों को लाभ मिल सकेगा। आईवीएफ सेंटर के लिये बजट का प्रावधान कर स्थान का चिन्हांकन कर दिया गया है। सेंटर की स्थापना में लगभग 3 से 4 माह का समय लगेगा।
6 मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ सेंटर- भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के हमीदिया अस्पताल के साथ प्रदेश के पांच और मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ सेंटर खोले जाएंगे। भोपाल के साथ ही इंदौर,जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर के मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए शासन ने तैयारी शुरु कर दी है।
क्या कहती हैं IVF एक्सपर्ट?- मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ सेंटर खोलने के लिए राज्य सरकार की बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी की सदस्य डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार कहती है कि मध्यप्रदेश की पहली आईवीएफ विशेषज्ञ होने पर वर्षो पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ सेंटर स्थापित करने का जो सपना और सोच थी वह अब सच होने जा रहा है। प्रदेश में आईवीएफ सेंटर स्थापित करने में अपना योगदान और सहयोग देने पर हर्ष के साथ-साथ गर्व का भी अनुभव हो रहा है।
हमीदिया अस्पताल में आईवीएफ सेंटर खोलने की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग की घोषणा का स्वागत करते हुए मध्यप्रदेश की पहली आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार कहती है कि सरकारी अस्पताल आईवीएफ सेंटर खोलने का सरकार का निर्णय प्रशंसनीय और सराहनीय है। इसका लाभ समाज की गरीब निःसंतान दंपत्तियों को मिलेगा।
डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार कहती हैं कि आईवीएफ विशेषज्ञ के रूप में 20 साल से अधिक लंबे करियर में हमेशा से इस बात की कमी महसूस होती रही थी कि समाज के ऐसे वर्ग की सेवा से अब तक वंचित रही हूं जो सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आते है। अब आईवीएफ सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओऱ से बनाई गई कमेटी के सदस्य के रूप में अपना योगदान देकर खुशी और गर्व का अनुभव हो रहा है।